मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज, 8 नवंबर को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जा रही है. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है और संतान सुख, बुद्धि और बाधा निवारण के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है. इस दिन श्रद्धालु दिनभर व्रत रखते हैं और रात को चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देकर व्रत का पारायण करते हैं. मान्यता है कि जो भक्त आज के दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखकर चंद्र देव को अर्घ्य देता है, उसकी सभी विघ्न-बाधाएं दूर होकर घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

आज का चंद्र दर्शन मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चंद्र दर्शन का शुभ समय रात 8 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इसी अवधि में गणपति को अर्घ्य अर्पित करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलने का विश्वास है.

क्या अर्पित करें भोग में

गणाधिप संकष्टी पर भगवान गणेश को मोदक, दूर्वा, घी और गुड़ का भोग विशेष रूप से प्रिय होता है. मार्गशीर्ष मास में विशेष रूप से तिल और गुड़ से बने लड्डू या पुए अर्पित करने का विधान है. पूजा के बाद व्रतधारी परिवार सहित गणेश जी के आरती कर प्रसाद ग्रहण करते हैं.