पुरी। ओडिशा सरकार ने 29 जून 2025 को पुरी रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत और कई के घायल होने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक सामने आने के बाद एक डीएसपी समेत सात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है.

उच्चस्तरीय जांच में सामने आई खामियां
विकास आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना एवं समन्वय) अनु गर्ग की रिपोर्ट में भीड़ नियंत्रण प्रणाली में भारी कमी उजागर हुई. जांच में पाया गया कि रथ यात्रा के लिए बनाए गए एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (ICCC) के तहत स्थापित एआई आधारित निगरानी प्रणालियां प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही थीं. स्वीकृत 275 कैमरों में से केवल 123 कैमरे ही चालू मिले, जिससे कई महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी बाधित रही.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कई वरिष्ठ अधिकारी अपने निर्धारित स्थानों पर मौजूद नहीं थे और रथों के पास तैनात पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रहे.
लापरवाही से मची भगदड़
जांच के अनुसार, लकड़ी की सजावटी सामग्री ले जा रहे ट्रकों को श्रद्धालुओं से भरे इलाके में प्रवेश की अनुमति दी गई, जिससे अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई. हजारों की भीड़ के बीच ट्रकों के प्रवेश ने अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया.
कुंभरापाड़ा पुलिस स्टेशन के डीएसपी प्रशांत कुमार साहू और प्रभारी निरीक्षक सुशांत साहू पर भीड़ बढ़ने की सूचना समय पर उच्च अधिकारियों को न देने और ‘पहुड़’ द्वार खोलने में देरी का आरोप लगा है, जिससे हालात बिगड़ते चले गए.
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
गृह विभाग ने जिन सात अधिकारियों पर कार्रवाई की मंजूरी दी है उनमें शामिल हैं:
• अजय कुमार पाढ़ी, कमांडेंट, ओएसएपी तृतीय बटालियन, कोरापुट
• विष्णु प्रसाद पति, डीसीपी (मुख्यालय), भुवनेश्वर-कटक
• तापस रंजन दास, कमांडेंट, एसएसएमएसवी, पुरी
• के.के. नायक, उप कमांडेंट, एसएसएमएसवी, पुरी
• प्रशांत कुमार साहू, डीएसपी, पुरी शहर
• सुशांत कुमार साहू, प्रभारी अधिकारी, कुंभरापाड़ा थाना
• शारदा प्रसाद दाश, कमांडेंट, ओएसएपी तृतीय बटालियन, छत्रपुर
पीड़ित परिवारों का आक्रोश
भगदड़ सुबह करीब 4:20 बजे उस समय हुई जब श्रद्धालु गुंडिचा मंदिर में सुबह के दर्शन के लिए जा रहे थे. मृतकों की पहचान प्रभाती दास, बसंती साहू और प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई. कई पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि पुलिस भीड़ प्रबंधन को नज़रअंदाज़ कर वीआईपी मूवमेंट में व्यस्त थी.
सरकार करेगी सुधार
गृह विभाग ने ओडिशा सेवा संहिता के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रथ यात्रा 2026 से पहले भीड़ प्रबंधन, एआई आधारित निगरानी और आयोजन समन्वय में बड़े बदलाव किए जाने की संभावना है. सरकार ने भविष्य के सभी धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है.
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