शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि जनजातीय गौरव दिवस आदि संस्कृति के वैभव के गुणगान और प्रतिभा सम्मान का अवसर है। उन्होंने कलेक्टरों को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजातीय गौरव दिवस को सम्मान पूर्वक पूरी गरिमा के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनजाति बहुत जिलों और विकासखण्डों में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखलाओं का आयोजन शुरू किये जाए।

साल 2021 से जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करने और आदि संस्कृति के वैभव का यशगान करने के लिए जनजातीय गौरव दिवस उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2021 में मध्यप्रदेश से की थी। भगवान बिरसा मुंडा के नेतृत्व में उलगुलान क्रांति ने ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दी थी। ऐसे आदिवासी आंदोलन न केवल ब्रिटिश अत्याचार को चुनौती देने के लिए महत्वपूर्ण थे बल्कि राष्ट्रीय जागृति को भी प्रेरित किया। अंग्रेज सरकार के खिलाफ बिरसा मुंडा ने उग्र आंदोलन का नेतृत्व किया जिसके चलते 15 नवंबर को उनकी जयंती जनजातीय नायकों का सम्मान करने का अवसर बन गई। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार जनजातीय बाहुल्य जिलों में नई परियोजनाओं की शुरुआत की तैयारी हो रही है। आदि कर्मयोगी अभियान, पीएम जन मन एवं धरती आबा अभियान के अंतर्गत गतिविधियों को तेज किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महानायकों के जीवन और योगदान पर निबंध प्रतियोगिताएं और जनजातीय समुदायों के व्यंजनों, लोक गीतों, लोक कलाओं के प्रदर्शन के विशेष आयोजन किया जा रहे हैं। विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूह के हितग्राहियों और विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले सदस्यों से अतिथियों के साथ संवाद किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए निबंध, भाषण, पेंटिंग क्विज प्रतियोगिता, खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूह के माध्यम से हस्तशिल्प संबंधी आर्थिक गतिविधियों का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जनजातीय कलाकारों द्वारा लोक शिल्प, लोक नृत्य, लोक चित्रकला, लोक नाट्य , मांडना कला स्थानीय पाक कला का प्रदर्शन किया जाएगा।

जबलपुर और अलीराजपुर में भव्य कार्यक्रम होंगे

विभिन्न स्थानों से रथ यात्राएं निकालेंगे जो 14 नवंबर तक जिला मुख्यालय पर एकत्र होंगी। मंडला में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा सम्मेलन अलीराजपुर में भगोरिया महोत्सव, छिंदवाड़ा में भारिया सम्मेलन, पातालपानी में टंट्या मामा बलिदान दिवस और सतना में माता शबरी जयंती सम्मेलन जैसे आयोजनों की भी योजना बनाई गई है। सभी जिलों को आवश्यक बजट उपलब्ध करा दिया गया है। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा विभाग, संस्कृति , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, वन, खाद्य नागरिक आपूर्ति, महिला एवं बाल विकास, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, उद्यानिकी, खेल एवं युवा कल्याण, नगरीय प्रशासन, गृह, राजस्व, एवं परिवहन विभागों को जनजातीय गौरव दिवस के आयोजनों की जिम्मेदारी दी गई है।

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