समीर शेख, बड़वानी। जिले के कृषि उपज मंडी मुख्यालय में रविवार को किसानों ने कपास की नीलामी (सफेद सोना) में कम भाव मिलने पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों के हंगामे और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद व्यापारियों को कपास के दाम बढ़ाने पड़े, जिसके बाद बोली ₹5,000 प्रति क्विंटल से ऊपर शुरू हुई।
व्यापारियों को अंततः दाम बढ़ाने पड़े
दरअसल, बड़ी संख्या में किसान अपना कपास लेकर मंडी पहुंचे थे। शुरुआती नीलामी में व्यापारियों द्वारा ₹3,000 से लेकर ₹4,500 प्रति क्विंटल तक के भाव दिए जा रहे थे। किसानों ने इन कम दामों पर कपास बेचने से इनकार कर दिया और एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने कलेक्टर जयति सिंह को फोन कर व्यापारियों द्वारा साठगांठ कर कम भाव में फसल खरीदने की शिकायत की। इसके बाद एसडीएम भूपेंद्र रावत मंडी पहुंचे। अधिकारियों की मौजूदगी और किसानों के हंगामे के चलते व्यापारियों को अंततः दाम बढ़ाने पड़े।
कपास की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती थी
किसान सोहन रावत (सजवानी), नटवर चौहान (बोम्या) और बद्रीलाल ने बताया कि विरोध के बाद व्यापारियों ने भाव बढ़ाए, जिससे किसानों को ₹5,500 प्रति क्विंटल से अधिक के दाम मिले। किसानों ने यह भी शिकायत की कि नीलामी के दौरान व्यापारियों द्वारा मंडी में लाए गए कपास पर पैरों से चला जा रहा था, जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इस दौरान किसानों ने कृषि उपज मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं और मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की।
पानी की कोई व्यवस्था नहीं
बताया कि मंडी परिसर में किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, और सार्वजनिक शौचालयों पर ताले लगे रहते हैं, जिससे किसानों को परेशानी होती है। मंडी परिसर में चारों ओर गंदगी पसरी हुई और किसानों के बने विश्राम गृह भी जर्जर हालत में हैं। बैलगाड़ी से आए किसानों के पशुओं (बैलों) के लिए भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
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