अभय मिश्रा, मऊगंज। जिले से एक ऐसी चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है जो सिस्टम की सच्चाई बयां करती है। सरकारी महाविद्यालय में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब कलेक्टर का निज सचिव बन बैठा और उसके ठाठ देख कर आप भी कहेंगे, वाह क्या सिस्टम है ! हूटर लगी गाड़ी, मध्यप्रदेश शासन की नेमप्लेट और अफसरों जैसा रुतबा… सवाल ये है-आखिर ये कैसे मुमकिन है? जब सांसद और विधायक की गाड़ियों में हूटर नहीं है तो उनकी गाड़ियों में हूटर क्यों?

निज सहायक बनकर अफसरों के बीच घूम रहे

मऊगंज के शासकीय शहीद केदारनाथ महाविद्यालय में लैब परिचालक पंकज श्रीवास्तव की जिले में एक अलग पहचान हैं। अब वे मऊगंज कलेक्टर के निज सचिव हैं। जी हां जिन्हें कॉलेज में लैब संभालने के लिए नियुक्त किया गया था, अब जिले के सबसे बड़े अधिकारी का निज सहायक बनकर अफसरों के बीच घूम रहे है। उनकी गाड़ी में हूटर लगा और मध्यप्रदेश शासन लिखा हुआ है। कई जगहों पर अफसर तक उन्हें सलाम ठोकते नजर आते हैं।

नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी लैब परिचालक

बता दें कि शासकीय महाविद्यालय में पंकज श्रीवास्तव की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी लैब अटेंडेंट के रूप में हुई थी। उन्हें पूर्व कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के कार्यकाल में कलेक्टर का निजी सहायक बनाया था। तब से लेकर अब तक वह इसी पद पर कार्यरत और जिले में अफसरों जैसा रुतबा बरकरार है।

पहले भी कई शिकायतें हो चुकी

सूत्रों के अनुसार, उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हो चुकी हैं। उनके गांव के कुछ लोगों ने प्रशासन को सौंपे शिकायत में कहा गया कि इनके द्वारा अनावश्यक परेशान किया जाता है। जब इनकी शिकायत की जाती है तो रुतबे के कारण फाइलों को दबा दिया जाता है न कोई जांच न कोई कार्रवाई होती है। वहीं कॉलेज के प्राचार्य सोमदत्त पाण्डेय का कहना है कि- पंकज श्रीवास्तव महाविद्यालय के लैब अटेंडेंट हैं, जिन्हें कलेक्टर द्वारा अपने पास बुला लिया गया है।

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