Explosives Seized in Faridabad: जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) ने बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश (Terrorist plot exposed) करते हुए गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर आदिल अहमद (Dr Adil Ahmed) की निशानदेही पर हरियाणा के फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक का जखीरा जब्त किया है। पुलिस ने डॉक्टर के घर से लगभग 350 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), 3 AK-47, AK-56, 2 ऑटोमैटिक पिस्टल और 84 कारतूस जब्त किया है। इन विस्फोटकों से देश को दहलाने की साजिश डॉक्टर आदिल अहमद रच रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर अंसार गजवत-उल-हिंद आतंकी संगठन से जुड़ा था।
डॉ. आदिल को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। गैर-कानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है। सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर के पास से इस तरह के हथियार की बरामदगी आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्तता मानी जा सकती है।

डॉक्टर आदिल अहमद को 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ही यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। डॉ. आदिल की निशानदेही पर 7 नवंबर को एक अन्य डॉक्टर मुजाहिल शकील को पुलवामा (कश्मीर) से गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उसने फरीदाबाद में विस्फोटक रखे होने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विस्फोटकों का जखीरा जब्त किया है।
जानकारी के मुताबिक डॉ. आदिल अहमद ने फरीदाबाद के गांव धौज में 3 महीने पहले किराए पर कमरा लिया था। आरोपी डॉक्टर यहां रहता नहीं था। उसने केवल सामान रखने के लिए कमरा लिया था। पुलिस ने कमरे से 14 बैग बरामद किए हैं, जिनमें 350 किलो विस्फोटक, 3 AK-47, AK-56 राइफल, 5 लीटर केमिकल, 84 कारतूस और 2 ऑटोमैटिक पिस्टल रखी हुई थीं।फरीदाबाद पुलिस सोर्सेज के मुताबिक यहां से 48 तरह का सामान बरामद हुआ है, जिसमें बम बनाने से जुड़ा सामान भी शामिल है। रेड के दौरान 10 से 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। इस मामले में 4 राज्यों जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से पूरे मामले का कनेक्शन खंगाला जा रहा है।
GMC में नौकरी कर चुका है अदील
खास बात यह है कि अदील राथर वही डॉक्टर हैं, जिसके नाम पर हाल ही में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ था। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज (GMC) में उसके निजी लॉकर से AK-47 राइफल बरामद की गई थी। पुलिस ने यह कार्रवाई जॉइंट इंटरोगेशन सेंटर (JIC) अनंतनाग की मदद से की थी। उस समय अदील राथर कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर कार्यरत था, लेकिन उसने 24 अक्टूबर 2024 को अपना पद छोड़ दिया था।
जांच एजेंसियों का मानना है कि अदील और उसके सहयोगी डॉक्टर आतंकवादी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिश में था। यह संगठन 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर ज़ाकिर मूसा द्वारा गठित किया गया था और इसका उद्देश्य कश्मीर में शरिया कानून के तहत एक इस्लामिक राज्य की स्थापना तथा भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ना है।
जांच में खुल रही हैं आतंकी साजिश की परतें
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह मामला अब केवल पोस्टर लगाने या व्यक्तिगत संलिप्तता से कहीं बड़ा है। शुरुआती जांच में यह साफ हो चुका है कि यह एक संगठित नेटवर्क है, जो मेडिकल संस्थानों की आड़ में आतंकियों की मदद कर रहा था। पुलिस ने बताया कि आने वाले 3-4 घंटों में इस मामले पर एक बड़ा खुलासा किया जाएगा. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक तीन डॉक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और कुछ और नाम जांच के दायरे में हैं।

3 राज्यों तक फैली जांच, 500 जगहों पर छापे
पिछले 3 दिनों से जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार छापेमारी अभियान चला रही हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 500 जगहों पर छापे मारे जा चुके हैं, जिनमें 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है ताकि इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचा जा सके। फरीदाबाद से विस्फोटक मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमें भी इस जांच में शामिल हो गई हैं। बरामद हथियार और विस्फोटक को फॉरेंसिक टीमों ने जब्त कर लिया है और उनकी जांच चल रही है।
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