Bihar Election phase 2 Voting: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को है। यह बिहार चुनाव के फाइनल और अंतिम चरण का मतदान है। 20 जिलों की 122 सीटों पर होने वाले मतदान में जो बाजी मारेगा, सत्ता में उसकी वापसी तय है। एक तरीके से कहा जाए तो दूसरे चरण की वोटिंग एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) दोनों के लिए आग का दरिया साबित होने जा रहा है।

बता दें कि दूसरे चरण की 122 सीटों पर मंगलवार को होने वाली वोटिंग में 1302 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है। 1302 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला 3 करोड़ 70 लाख 13 हज़ार 556 मतदाता करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सबसे ज़्यादा प्रतिष्ठा एनडीए की लगी हुई है। वहीं महागठबंधन की वापसी का पूरा दारोमदार भी इस क्षेत्र की सीटों पर टिका हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी से लेकर जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का असल अग्निपरीक्षा इसी फाइनल चरण के चुनाव में होनी है तो कांग्रेस के लिए भी करो या मरो वाली स्थिति है। दूसरे चरण के चुनाव में मिथिलांचल से लेकर सीमांचल तो चंपारण बेल्ट से शाहाबाद-मगध क्षेत्र की सीटें शामिल हैं। इस फेज़ की 122 सीटों में 101 सीटें जनरल तो 19 अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2020 के चुनावी नतीजों के लिहाज़ से दूसरे चरण में सबसे ज़्यादा चुनौती एनडीए की है।

बिहार के दूसरे चरण की 122 सीटे

दूसरे फेज़ में सीमांचल इलाक़े की 24 सीटें हैं तो शाहाबाद-मगध की 46 सीटें हैं। इसके अलावा चंपारण बेल्ट की 21 सीटें हैं तो मिथिलांचल और कोसी इलाके की 31 विधानसभा सीटों पर चुनाव है। दूसरे चरण में 20 ज़िलों की 122 सीटों पर चुनाव है, जिसमें गयाजी की 10, कैमूर की 4, रोहतास की 7, औरंगाबाद की 6, अरवल की 2, जहानाबाद की 3, नवादा की 5, भागलपुर की 7, बांका की 5, जमुई की 4, सीतामढ़ी की 8, शिवहर की 1, मधुबनी की 10, सुपौल की 5, पूर्णिया की 7, अररिया की 6, कटिहार की 7, किशनगंज की 4, पूर्वी चंपारण की 12 तो पश्चिमी चंपारण की 9 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को मतदान है।

एनडीए के घटक दल कौन कितने सीट पर लड़ रहा चुनाव?

बिहार के दूसरे चरण में जिन 122 सीटों पर चुनाव है, उसमें एनडीए में सबसे ज़्यादा बीजेपी 53 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू 44 सीटों पर किस्मत आज़मा रहा है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी अपने कोटे की सभी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम 4 सीट और एलजेपी (आर) के 15 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में हैं।

महागठबंधन के घटक दल कौन कितने सीट पर लड़ रहा चुनाव?

वहीं, महागठबंधन की तरफ से आरजेडी सबसे ज़्यादा 71 सीट पर चुनावी मैदान में है। जबकि कांग्रेस 37 सीट पर किस्मत आज़मा रही है। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के 7, सीपीआई (माले) 7, सीपीआई के 4 और सीपीएम एक सीट पर चुनावी मैदान में है।

इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दूसरे चरण की 21 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं तो प्रशांत किशोर की पार्टी 120 सीट पर मैदान में है।

किसका क्या दांव पर लगा हुआ है?

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 122 सीटों पर वोटिंग होनी है, उसमें एनडीए के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है। वहीं महागठबंधन को अपनी वापसी के लिए ताक़त लगानी है। 2020 में इन सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों को देखें तो 66 सीटें महागठबंधन के पास थीं तो एनडीए ने 49 सीटें जीतने में सफल रही थी> असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी 5 सीटें जीती थी तो एक सीट बसपा जीतने में सफल रही थी।

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