अमृतसर. खडूर साहिब से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। अमृतपाल सिंह की ओर से 31 अक्टूबर को दायर की गई याचिका पर 8 नवंबर को आवश्यक कार्रवाई के बाद मामले को आज सूचीबद्ध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा या नहीं, इसका फैसला आज लिया जाएगा।

याचिका में भारत सरकार, पंजाब सरकार के अलावा अमृतसर के डीसी, अमृतसर के एसएसपी (ग्रामीण) और डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक को भी पक्षकार बनाया गया है। अमृतपाल सिंह के वकील ने तर्क दिया है कि एनएसए लगाना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है और उनकी हिरासत को समाप्त किया जाना चाहिए।

जुलाई में तीसरी बार बढ़ाई गई थी एनएसए की अवधि
यह मामला फरीदकोट के गुरप्रीत सिंह हरी नौ के हत्याकांड से जुड़ा है, जिसमें एनएसए की अवधि बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी गई है। अमृतपाल सिंह 22 अप्रैल, 2023 से एनएसए के तहत जेल में बंद है और वर्तमान में उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया हैं।
अमृतपाल सिंह पर एनएसए इसलिए लगाया गया था क्योंकि राज्य सरकार ने उनकी गतिविधियों को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा माना था।

एनएसए की अवधि समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है। 5 जुलाई, 2025 को एनएसए की अवधि तीसरी बार बढ़ाई गई थी। हालांकि, उनके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य 9 आरोपियों को पंजाब की जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया है और उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। फिर भी, अमृतपाल सिंह अभी भी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति की भी मांग
अमृतपाल सिंह के वकील सुप्रीम कोर्ट में यह चुनौती देंगे कि एनएसए लगाना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है और उनकी हिरासत समाप्त की जानी चाहिए। वे यह भी चाहते हैं कि उन्हें संसद के सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए, जिसे अब तक हिरासत के कारण रोका गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक सांसद के काम को रोकना उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन हैं।