Bihar Election 2025: बैलेट पेपर में कितने दिनों में आते थे नतीजे? आज और तब का फर्क

बिहार विधानसभा के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. अब बारी है दूसरे चरण के मतदान की, जो कि 11 नवंबर को होना है.

इसके बाद 14 नवंबर को रिजल्ट आने हैं. 14 को यह तय हो जाएगा कि आखिर बिहार में सत्ता की कुर्सी पर कौन काबिज होगा.

1950 से लेकर 1990 के दशक तक, जब तक ईवीएम (EVM) नहीं आई थी, तब तक नतीजे आने में औसतन 2 से 3 दिन लगते थे.

कई बार अगर मतगणना में विवाद होता या वोटों का अंतर बहुत कम होता, तो गिनती दोबारा करवाई जाती थी, जिससे नतीजे हफ्ते भर तक टल जाते थे.

गिनती के दिन माहौल किसी त्योहार जैसा होता था. रेडियो या अखबारों के जरिए लोग हर घंटे अपडेट सुनते थे कि कौन आगे है, कौन पीछे है.

लेकिन किसी को यह नहीं पता होता था कि फाइनल नतीजा कब आएगा. यही चुनावी रोमांच बैलेट पेपर के जमाने को इतना यादगार बनाता था.

Bihar Election 2025: बैलेट पेपर से कैसे होती थी वोटों की गिनती, कितने दिन में आते थे नतीजे?