नई दिल्ली। सुरक्षित माने जाने वाले लोकप्रिय मोबाइल एप व्हाट्सएप के जरिए इजराइल की कंपनी ने छत्तीसगढ़ के साथ न केवल भारत और दुनिया के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, शिक्षाविदों, पत्रकारों पर नजर रखी जा रही थी. इसका शिकार देश के अन्य लोगों के साथ बस्तर में रहकर काम कर रहीं बेला भाटिया भी हुई हैं. व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का खुलासा होने के बाद बेला भाटिया ने सरकार से पूछा है कि आखिर उसे किस सच्चाई के सामने आने से डर लग रहा है.

बेला भाटिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि उन्हें सितंबर महीने के अंत में टोरंटो यूनिवर्सिटी की सिटिजन लैंब के प्रतिनिधियों ने व्हाट्सएप के जरिए उनकी निगरानी किए जाने की जानकारी दी थी. इसके बाद व्हाट्सएप के जरिए भी संदेश आया था. इसके बाद उन्होंने अपना फोन बदल लिया था.

उन्होंने बताया कि इजराइल की कंपनी एनएसओ ने पैगासस के जरिए जासूसी का काम किया था. सिटिजन लैंब के प्रतिनिधि के मुताबिक, यह अपने साथ जासूस लेकर घूमने जैसा है, जिसमें न केवल बैंक खातों की जानकारी, कॉन्टेक्ट नंबर के साथ उनकी बातचीत और कैमरा रिकार्डिंग तक किया जा सकता है.

बेला भाटिया ने अपने को टार्गेट किए जाने पर कहा कि हम यही बात वह सरकार से पूछना चाहती हैं कि आखिर ऐसी क्या बात है कि उन्हें निशाना बनाया गया. हम संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं, और उनका खुद का जीवन खुली किताब की तरह है, जिसमें छिपाने के लिए कुछ भी नहीं फिर भी उनकी क्यों जासूसी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार अपने किस राजनीतिक लक्ष्य को लेकर यह काम कर रही थी. यह उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त निजता के कानून का उल्लंघन है. अगर सरकार यह जासूसी नहीं कर रही है, तो इस अपराध की जांच करनी चाहिए, क्योंकि इसका दायरा अन्य देशों तक में फैला हुआ है.

अमरीका की अदालत में किया स्वीकार

बता दें कि सैन फ्रांसिस्को स्थित अमेरिकी संघीय अदालत में फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप के खिलाफ 1400 उपयोगकर्ताओं की निगरानी करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. मंगलवार को याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए व्हाट्सएप के प्रतिनिधियों ने इस बात का खुलासा किया. यह काम इजराइज के एनएसओ समूह ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए किया.

प्रभावित लोगों से संपर्क कर दी जानकारी

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता निगरानी का लक्ष्य रहे हैं और जब तक मैं उनकी पहचान और सटीक संख्या का खुलासा नहीं कर सकता, मैं कह सकता हूं कि यह एक महत्वहीन संख्या नहीं है. प्रवक्ता ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि व्हाट्सएप उन लक्षित लोगों से अवगत था, और उनमें से प्रत्येक से संपर्क किया था.

क्या है पेगासस विधि

लोगों की निगरानी के लिए पेगासस एक सहज विधि है, जिसमें उपयोगकर्ता को एक लिंक भेजकर उसमें क्लिक करने के लिए कहा जाता है. उपयोगकर्ता के लिंग पर क्लिक करते ही ऑपरेटर उपयोगकर्ता की जानकारी के बगैर ही उसके मोबाइल में सेंध लगा लेता है. इसके बाद उपयोगकर्ता की निजी जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है. इसमें पासवर्ड, संपर्क, कैलेंडर इवेंट, टैक्स्ट मैसेज, और लोकप्रिय मोबाइल एप के लाइव वायस कॉल शामिल हैं. ऑपरेटर चाहे तो उपयोगकर्ता के मोबाइल के कैमरे और माइक्रोफोन को शुरू कर उसकी गतिविधियों का पता लगा सकता है. यहां तक ताजातरीन घटना में उपयोगकर्ता के लिंक को खोलने की भी जरूरत नहीं है, केवल एक मिस कॉल से ही पूरा फोन खुल जाता है.