नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की गर्मी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को राहत की खबर मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को होने वाली लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी) मामले की सुनवाई अब 4 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है। अदालत के इस फैसले से लालू परिवार को फिलहाल अस्थायी राहत जरूर मिली है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला उस समय से जुड़ा है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। सीबीआई का आरोप है कि इस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से सस्ती दरों पर जमीन ली गई। ये जमीनें कथित तौर पर लालू परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर ट्रांसफर की गईं। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, यह पूरा लेन-देन एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। कई लाभार्थियों ने बिहार और झारखंड के अलग-अलग जिलों में अपनी जमीनें रेलवे में नौकरी पाने के बदले दीं। इनमें से अधिकांश संपत्तियां पटना और आसपास के इलाकों में बताई गई हैं।
कौन-कौन हैं आरोपी
इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, और तेजस्वी यादव के अलावा कई पूर्व रेलवे अधिकारी और उम्मीदवार आरोपी बनाए गए हैं। सीबीआई ने सभी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है।
आज कोर्ट में क्या हुआ
पिछली सुनवाई में अदालत ने आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू की थी। आज की कार्यवाही में आगे बढ़ना था, लेकिन तकनीकी कारणों और पक्षकारों के अनुरोध के चलते सुनवाई को स्थगित कर दिया गया। अब अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी, जब आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
फिलहाल राहत, लेकिन लड़ाई जारी
हालांकि अदालत ने सुनवाई को दिसंबर तक टालकर लालू परिवार को राहत दी है, लेकिन यह राहत अस्थायी है। 4 दिसंबर को यह तय होगा कि मामला आगे किस दिशा में बढ़ेगा। बिहार के चुनावी माहौल में यह फैसला राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसका असर RJD और NDA दोनों के चुनावी नैरेटिव पर पड़ सकता है।
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