- सरगुजा के सेंट्रल जेल में भूपेश ने की थी कैदी अभय सिंह से मुलाकात
- बीजेपी प्रवक्ता की जांच की मांग के बाद सामने आए भूपेश
- भूपेश बघेल ने कहा- सरकार और नक्सलियों के बीच है सांठ-गा्ंठ
- सीबीआई जांच की मांग की
रायपुर- सरगुजा दौरे के दौरान जेल जाकर खूंखार कैदी से मिलने का आरोप लगने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आज बीजेपी सरकार पर ना केवल पलटवार किया, बल्कि गंभीर आरोप भी लगाया। कांग्रेस भवन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम नक्सल हमले के पहले सरकार की ओर से नक्सलियों को करोड़ों रूपए दिए गए। इस मामले की जानकारी रखने वाले अभय सिंह को फर्जी मामले में फंसाया गया। बघेल ने कहा- सरकार और नक्सलियों के बीच सांठगांठ का खुलासा अभय सिंह ने ही किया था। अभय 2002 से पुलिस का इनफार्मर था। सरकार की हकीकत उजागर ना हो इसलिए ना केवल अभय सिंह को झूठे आरोप में फँसाया गया, बल्कि इंजेक्शन देकर बीमार कर दिया गया। भूपेश बघेल ने ये भी आऱोप लगाया कि एलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए नक्सलियों के साथ पैसे का लेन-देन किया गया था। ये आरोप दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा भी लगाते रहे, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कभी जवाब नहीं दिया गया। भूपेश बघेल ने मांग किया है कि झीरम घाटी नक्सल हमले और अभय सिंह को लेकर सीबीआई जांच कराई जाए।
अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में कैदी से मुलाकात किए जाने के मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता औऱ जिला संगठन प्रभारी सच्चिदानंद उपासने ने आरोप लगाया था कि बघेल कोई बड़ी साजिश रच रहे हैं, इसलिए ही जेल जाकर खूंखार किस्म के कैदियों से मुलाकात की है। उन्होंने इस पूरे मामले में राज्य सरकार को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की थी।
कौन है अभय सिंह?
अभय सिंह वहीं व्यक्ति हैं, जिसने पुलिस और नक्सलियों के बीच कथित सांठगांठ के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अभय की याचिका पर हाईकोर्ट ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बंद कमरे में सुनवाई की थी और उसके बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। हालांकि सरकार की ओऱ से कोर्ट में जब जांच रिपोर्ट पेश की गई, तो ये दलील दी गई कि जांच रिपोर्ट सावर्जनिक करने से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर खतरा पैदा हो सकता है। जानकारी कहती है कि सरकार की ओर से कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, जरूर अभय़ सिंह को ही माओवादियों से संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।