Bastar News Update : छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा सोमवार को गोपनीय दौरे पर सुकमा के पूवर्ती गांव पहुंचे — यह वही गांव है, जहां कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा और बारसे देवा का परिवार रहता है. गृहमंत्री ने दोनों कमांडरों के परिजनों से मुलाकात कर भोजन किया और रेडियो वितरित किए. यह पहल सरकार की “नक्सल मुक्त दक्षिण बस्तर” मुहिम का अहम हिस्सा मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि हिड़मा के आत्मसमर्पण को लेकर लगातार प्रयास जारी हैं. गृहमंत्री का यह कदम उस दिशा में संवाद बढ़ाने का संकेत देता है. सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण बस्तर के नक्सली परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ना 2026 की रणनीति का प्रमुख हिस्सा है.


50 लाख का बस स्टैंड बना शोपीस
बीजापुर. बीजापुर के मद्देड़ में करीब 50 लाख की लागत से बना बस स्टैंड अब खंडहर में बदल गया है. तीन साल बीत गए, लेकिन अब तक उद्घाटन नहीं हुआ और बसें मुख्य सड़क व बाजार चौक पर ही रुकती हैं. यात्रियों के लिए बनाए गए प्रतीक्षालय, पेयजल व शौचालय बेकार पड़े हैं. दीवारें टूट रही हैं, फर्श उखड़ चुका है और चारों ओर झाड़ियां फैल गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि बसें यहीं रुकें तो यातायात सुव्यवस्थित होगा, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने कभी ध्यान नहीं दिया. यह परियोजना अब ‘विकास योजनाओं की उदासीनता’ का उदाहरण बन चुकी है.
महारानी अस्पताल में बेड की कमी बनी बड़ी चुनौती
जगदलपुर. महारानी अस्पताल में हर दिन करीब 1500 मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन केवल 100 बेड होने से गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज डिमरापाल या रायपुर भेजा जा रहा है. स्थानीय मरीजों का कहना है कि मेकाज दूर होने से उन्हें भारी परेशानी होती है. 2023 में सरकार ने 200 बेड का जिला अस्पताल बनाने की घोषणा की थी, जो अब तक अधूरी है. ट्रामा यूनिट और अन्य जरूरी यूनिट भी शुरू नहीं हो पाए हैं. अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय प्रसाद ने माना कि ओपीडी में मरीजों की संख्या मेकाज से भी अधिक होती है, लेकिन बेड की कमी सबसे बड़ी चुनौती है. लोगों की मांग है कि महारानी अस्पताल को विस्तार देकर ही बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हो सकती है.
विद्यालय में शिक्षक की हरकत से भड़के ग्रामीण
बस्तर. विकासखंड बकावंड के ग्राम दामागुड़ा में शिक्षक की लापरवाही ने ग्रामीणों को आक्रोशित कर दिया है. नवीन प्राथमिक शाला में कार्यरत शिक्षक पर आरोप है कि उसने विद्यालय की खेल सामग्री, फुटबॉल बेच दी और बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार करता है. ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक अक्सर नशे की हालत में स्कूल आता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है. साथ ही मिड-डे मील व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त है. शिकायत के बाद खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शिक्षक का वेतन रोक दिया और निलंबन प्रस्ताव अग्रेषित किया है. प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों ने राहत महसूस की है, पर मांग की है कि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए जल्द नए शिक्षक की नियुक्ति की जाए.
‘मूल बस्तरिया परिवहन संघ’ का गठन, स्थानीय रोजगार पर जोर
बस्तर. बस्तर में मूल बस्तरिया परिवहन संघ का गठन कर स्थानीय समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है. संघ का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देकर रोजगार उपलब्ध कराना है. नवगठित कार्यकारिणी ने मां दंतेश्वरी मंदिर में आशीर्वाद लिया और महाराजा कमलचंद्र भंजदेव से भेंट की. संघ के अध्यक्ष खितेश मौर्य ने कहा कि बस्तर के युवाओं को परिवहन के क्षेत्र में जोड़कर आत्मनिर्भरता की राह खोली जाएगी. महाराजा कमलचंद भंजदेव ने इसे जनहित में बड़ा निर्णय बताया. संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह संगठन ग्राम सभाओं व स्थानीय परिवहनकर्ताओं के साथ मिलकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा.
सरकारी कॉलोनी में चोरी, दो बाइकें ले गए चोर
कोण्डागांव. कोण्डागांव सिटी कोतवाली क्षेत्र की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अज्ञात चोरों ने दो सरकारी मकानों के ताले तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया. घटना रात में उस वक्त हुई जब दोनों मकान सूने थे. चोर घरों से सामान खंगालने के बाद दो मोटरसाइकिल चोरी कर ले गए, जबकि एक बाइक को रास्ते में छोड़ दिया. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए. लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से कॉलोनी के सरकारी कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है. लोगों ने कॉलोनी में स्थायी चौकी और रात्रि गश्त की मांग की है.
मक्का के समर्थन मूल्य को लेकर किसानों का आंदोलन
बस्तर. भारतीय किसान यूनियन और इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों किसान जगदलपुर कलेक्टोरेट पहुंचे. किसानों ने मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल तय करने की मांग रखी. उनका कहना है कि व्यापारी कम दर पर खरीदी कर रहे हैं, जिससे किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है. ज्ञापन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को संबोधित कर सौंपा गया. साथ ही किसानों ने बिजली दर कम करने, बीमा व पेंशन योजना लागू करने और सभी जर्जर डेमों की मरम्मत की मांग भी की. चेतावनी दी कि अगर मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे. जिला अध्यक्ष रमेश गोयल ने कहा “मक्का की खरीदी 2400 से कम में नहीं होगी.”
सरपंच संघ की मांग – वेतन बढ़े, अधिकार मिले
बस्तर. तोकापाल क्षेत्र के सरपंच संघ ने स्थानीय विधायक से मुलाकात कर वेतनवृद्धि और पंचायत सशक्तिकरण की मांग की. सरपंचों ने कहा कि वर्तमान में उन्हें मात्र 4 हजार रुपए मानदेय मिलता है, जिसे बढ़ाकर 30 हजार किया जाए. इसी तरह पंचों का मानदेय भी 500 से बढ़ाकर 5 हजार किया जाए. संघ ने जल जीवन मिशन के अधूरे कामों को पूरा करने, डीएमएफटी फंड पंचायतों को देने और सफाईकर्मियों की भर्ती की मांग की है. विधायक ने सरपंचों को भरोसा दिलाया कि सभी मांगें शासन स्तर पर रखी जाएंगी. सरपंच संघ का कहना है कि पंचायतें मजबूत होंगी तभी विकास की नींव मजबूत होगी.
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