हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार, 11 नवंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को झटका लगा. शुरुआती घंटे में तेजी के संकेतों के बावजूद बाजार ने दिशा बदल ली. सेंसेक्स 323.29 अंक (0.39%) टूटकर 83,212.06 पर आ गया, जबकि निफ्टी 100.65 अंक (0.39%) गिरकर 25,473.70 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू कुछ ही घंटों में हजारों करोड़ रुपये घट गई. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर इंडेक्स में मजबूती का मिला-जुला असर है.

ग्लोबल मार्केट्स में मिला-जुला कारोबार
एशियाई बाजारों में मंगलवार को हलचल देखने को मिली. जापान का निक्केई इंडेक्स 0.43% बढ़कर 51,131 पर कारोबार कर रहा है. दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.48% की बढ़त के साथ 4,133 पर है. वहीं, हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.34% गिरकर 26,558 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.38% की गिरावट के साथ 4,003 पर कारोबार कर रहा है. अमेरिकी बाजारों में कल यानी 10 नवंबर को पॉजिटिव क्लोजिंग दर्ज की गई थी. डाउ जोन्स 0.81% चढ़कर 47,368 पर बंद हुआ, नैस्डेक कंपोजिट 2.27% और S&P 500 1.54% की तेजी के साथ बंद हुए थे. लेकिन एशिया में यह तेजी टिक नहीं पाई – यही असर भारतीय बाजारों में भी देखने को मिला.
विदेशी निवेशक बने बिकवाली के कारण
डेटा के मुताबिक, 10 नवंबर को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने ₹4,076 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹5,811 करोड़ के शेयर खरीदे. अक्टूबर में FPI ने ₹14,610 करोड़ का नेट निवेश किया था, जबकि सितंबर में FII ने ₹35,301.36 करोड़ की बिकवाली की थी. वहीं, DII ने सितंबर में ₹65,343.59 करोड़ के शेयर खरीदे थे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्याज दरों, तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी ने बाजार की सेंटीमेंट को कमजोर किया है.
पिछले सत्र में रही तेजी, अब पलट गया रुख
सोमवार, 10 नवंबर को सेंसेक्स 319 अंक चढ़कर 83,535 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 82 अंक बढ़कर 25,574 पर पहुंचा था. सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में तेजी रही थी. लेकिन आज बाजार ने रिवर्स गियर पकड़ लिया शुरुआती मुनाफावसूली ने इंडेक्स को नीचे धकेल दिया.
क्या आगे और गिरावट आएगी?
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि यह गिरावट शॉर्ट-टर्म करेक्शन है. डॉलर इंडेक्स में मजबूती और क्रूड ऑयल में अस्थिरता से विदेशी निवेशक सतर्क हैं. अगर निफ्टी 25,400 के नीचे क्लोज होता है, तो आने वाले सत्रों में 25,200 तक की गिरावट संभव है. हालांकि, दीर्घकाल में बाजार के फंडामेंटल्स मजबूत हैं. इसलिए लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह खरीदारी का मौका भी हो सकता है.
निवेशक सावधानी बरतें
बाजार के इस उतार-चढ़ाव भरे माहौल में निवेशकों को जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचना चाहिए. ग्लोबल इकोनॉमी के ट्रेंड, डॉलर की दिशा और विदेशी निवेश की चाल पर नज़र रखना इस समय बेहद जरूरी है.
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