सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। ज्वेलरी दुकान में बीते दिनों चोरी के मामले में बलरामपुर पुलिस ने 9 आरोपियों को जशपुर जिले से गिरफ्तार किया था. इनमें से एक गंभीर रूप से बीमार उमेश सिंह की मौत जिला चिकित्सालय मे इलाज के दौरान हो गई थी. अब मृतक के परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए मामले में एफआईआर दर्ज कर प्रशासन से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच प्रशासन ने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच शुरू कर दी है.

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सूत्रों की माने तो मृत उमेश सिंह व उनके पारिवारिक कई सदस्य बादी गैंग में शामिल हैं. काफी खूंखार माना जाने वाला बादी गैंग के सदस्य चोरी जैसी घटना को बड़े शातिराना अंदाज में घटना को अंजाम दिया करते हैं. केवल मृतक उमेश ही नहीं बल्कि उसके पिता भी इसी गैंग के सदस्य हैं. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में चोरी-डकैती जैसे बड़ी घटना को अंजाम दे चुके हैं. इनके ऊपर कई प्रकरण दर्ज हैं.

ज्वेलरी दुकान में हुई चोरी की घटना का बलरामपुर पुलिस ने प्रमाण के आधार पर पर्दाफाश करते हुए उमेश सिंह को गिरफ्तार किया था. उमेश के पास से बड़ी रकम भी बरामद की थी, लेकिन गिरफ्तारी के बाद जिला मुख्यालय लाते समय उसकी अचानक तबीयत बिगड़ी और जिला चिकित्सालय में उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया था.

पुलिस कस्टडी में उमेश की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और शव लेने से मना कर दिया था. अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए परिजन पुलिस कस्टडी में मौत पर मुआवजा के साथ प्रशासन से मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. अब देखने वाली बात यह है कि ऐसे आदतन आरोपी के जुड़े मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है. मामले में क्या परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा, या फिर मामले की उच्च स्तरीय जांच के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा.