अविनाश श्रीवास्तव/सासाराम। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के दौरान चेनारी विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 204 पर सुबह से एक भी मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचा। यह बूथ मध्य विद्यालय कोनकी में स्थापित किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में पंचायत सरकार भवन बनने वाला था, लेकिन प्रशासन ने इसे किसी अन्य गांव में स्थानांतरित कर दिया। इस निर्णय से ग्रामीण काफी नाराज हैं और उन्होंने इस बार मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।

वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को आवेदन दिया, लेकिन उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी कारण से उनके मन में प्रशासन के प्रति विश्वास कम हो गया और उन्होंने पहले ही चुनाव आयोग तथा संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया कि इस बार वे अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय सभी ने सहमति से लिया है और वे लिखित आश्वासन मिलने तक वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।

कर रहे वोट का बहिष्कार

चेनारी विधानसभा क्षेत्र के शिवसागर प्रखंड का यह बूथ इस स्थिति का प्रमुख उदाहरण बन गया है, जहां प्रशासन और स्थानीय जनता के बीच लंबे समय से चली आ रही असंतोष की भावना स्पष्ट रूप से देखने को मिली। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के घटनाक्रम स्थानीय प्रशासन और मतदाताओं के बीच विश्वास के मुद्दों को उजागर करते हैं।

नहीं आया कोई अधिकारी का बयान

स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन भविष्य में लिखित आश्वासन देते हुए पंचायत भवन निर्माण को गांव में ही सुनिश्चित करता है, तो वे वोटिंग में भाग लेने के लिए तैयार होंगे। फिलहाल, कोनकी बूथ पर मतदान शून्य होने की घटना प्रशासन के लिए एक चुनौती है और यह क्षेत्रीय राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गई है। चुनाव आयोग ने इस मामले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह घटनाक्रम चुनावी प्रक्रिया में मतदाता जागरूकता और प्रशासन के प्रति भरोसे के महत्व को रेखांकित करता है।