राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक दिल्ली-NCR के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में आता है। दिल्ली के इन इलाकों में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक दर्ज हुआ आनंद विहार  460, बवाना 455, नरेला 445, विवेक विहार 452, पंजाबी बाग 440, अशोक विहार 448, ITO क्षेत्र 450  इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला लिया है.

GRAP-3 क्यों लागू किया गया?

दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 तब लागू किया जाता है, जब क्षेत्र का औसत AQI 400 से ऊपर पहुंच जाता है। यह स्तर ‘सीवियर’ (Severe) श्रेणी माना जाता है, जिसमें हवा सांस लेने लायक नहीं रह जाती। इस चरण के तहत सरकार और प्रशासन को कई सख्त पाबंदियां लागू करनी होती हैं, जिनका उद्देश्य हवा में धूल, धुआं और जहरीले कणों की मात्रा को कम करना होता है।

विशेषज्ञों की चेतावनी

पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार, हवा में PM2.5 और PM10 का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक है। यह स्थिति सांस और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा सकती है, अस्थमा व हृदय रोगियों के लिए खतरे को दोगुना करती है, बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर और संभावित रूप से जानलेवा असर डाल सकती है,डॉक्टरों ने लोगों को सुबह-शाम व्यायाम या खुले में दौड़ने से बचने, बाहर निकलना हो तो N-95 मास्क पहनने और घरों में एयर प्यूरीफायर के उपयोग की सलाह दी है।

GRAP-3 के तहत लगाई गई प्रमुख पाबंदियां

GRAP-3 लागू होते ही दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली कई गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा दी जाती है। इसके तहत

ध्वस्तीकरण और निर्माण कार्यों पर रोक: सभी गैर-जरूरी निर्माण, ध्वस्तीकरण और सड़क खुदाई जैसे कार्यों GRAP-3 के तहत तत्काल सख्त प्रतिबंध

पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध:

तय सीमा से अधिक पुराने डीजल वाहनों को सड़कों पर चलाने पर रोक है। ऐसे वाहन अब जप्ती और चालान की कार्रवाई के दायरे में आते हैं।

निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रक बंद:

सीमेंट, बालू, बजरी और अन्य निर्माण सामग्री ले जाने वाले भारी ट्रकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि धूल का प्रसार कम हो सके।

डीजल जेनरेटरों के उपयोग पर रोक:

आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर निजी और औद्योगिक क्षेत्रों में डीजल जेनरेटर चलाना पूर्णतः वर्जित है। उल्लंघन पर भारी जुर्माने की व्यवस्था है।

खनन और स्टोन क्रशर गतिविधियां बंद:

हवा में धूल और सूक्ष्म कणों का उत्सर्जन रोकने के लिए खनन कार्य और स्टोन क्रशर मशीनों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

इन इलाकों में AQI 450 के पार

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के अधिकांश हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से ऊपर दर्ज किया गया, जो सांस लेने के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। बवाना में AQI 465, मुंडका में 464, वजीरपुर में 462, पंजाबी बाग में 460, नेहरू नगर में 456, ITO में 452  इन इलाकों में हवा में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक पाया गया है, जिससे फेफड़ों और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके विपरीत, दिल्ली के कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रहीलोधी रोड: AQI 293 (मध्यम से खराब श्रेणी) NSIT द्वारका: AQI 240 (मध्यम श्रेणी) हालांकि यहां वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर है, लेकिन स्वस्थ स्तर (0-50) से यह भी काफी दूर है।

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