धार्मिक मान्यताओं और वास्तुशास्त्र में घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक बेहद सरल और प्रभावी उपाय है – गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में कम से कम एक बार अपने घर के मुख्य द्वार और अन्य हिस्सों पर इन पवित्र द्रव्यों का छिड़काव करता है, तो उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर भागती हैं.

क्यों है यह उपाय खास?
सनातन धर्म में गौमूत्र को अत्यंत पवित्र और औषधीय गुणों से युक्त माना गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए गौमूत्र को भी पवित्र माना जाता है. इसी तरह, गंगाजल को भी शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जो वातावरण को शुद्ध करने की शक्ति रखता है.
नकारात्मकता का नाश: मान्यता है कि गौमूत्र और गंगाजल के मिश्रण में इतनी शक्ति होती है कि यह किसी भी प्रकार की बुरी नजर, टोना-टोटका और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को समाप्त कर देता है.
सकारात्मकता का प्रवेश: घर के प्रवेश द्वार पर इसका छिड़काव करने से घर में केवल शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है, जिससे सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपाय घर के छोटे-मोटे वास्तु दोषों को भी दूर करने में सहायक सिद्ध होता है.
कैसे करें प्रयोग?
इस उपाय को करने के लिए, थोड़े से गंगाजल में गौमूत्र की कुछ बूंदें मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें. इसके बाद, सप्ताह में एक निश्चित दिन (जैसे मंगलवार या शुक्रवार) घर की साफ-सफाई के बाद इस मिश्रण को मुख्य द्वार, चौखट और घर के कोनों में छिड़कें. यह एक आसान तरीका है जिसके नियमित प्रयोग से घर का वातावरण शांत और पवित्र बना रहता है.
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