वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। कांग्रेस नेता प्रमोद नायक का मोबाइल हैक होने के मामले ने फिर से छत्तीसगढ़ में ई-चालान से जुड़े ऑनलाइन स्कैम की गंभीरता उजागर कर दी है। कुछ महीने पहले ही प्रदेश में ऐसे स्कैम तेजी से बढ़ने की खबरें आई थीं, जिसमें ठग नकली चालान बनाकर लोगों को मैसेज भेजते हैं और दिए गए लिंक (जैसे APK फाइल) पर क्लिक करने के लिए उकसाते हैं। अब हैकर्स ने इसी ठगी के नए पैतरे से कांग्रेस नेता प्रमोद नायक को निशाना बनाया है।

बताया जा रहा है कि हैकर्स ने फर्जी RTO ऑफिस के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और नायक को उसमें जोड़ दिया। जैसे ही उन्होंने उस ग्रुप में भेजे गए लिंक पर क्लिक किया, उनका मोबाइल पूरी तरह हैक हो गया और हैकर्स ने उनके नंबर से सभी कांटैक्ट्स को वही फर्जी ई-चालान लिंक भेजना शुरू कर दिया। इससे मोबाइल और बैंक अकाउंट दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। चूंकि उनके मोबाइल में प्रदेश भर के नेताओं और अफसरों के नंबर सेव हैं, इसलिए साइबर ठगी का यह जाल अब बड़े हलकों तक पहुंच गया है। मामले की गंभीरता देखते हुए उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद मामले में जांच तेजी से जारी है।

कांग्रेस नेता प्रमोद नायक ने बताया कि कल रात अचानक मेरे मोबाइल में एक आरटीओ ऑफिस के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप दिखा तो मैंने सोचा कि यह किसी आरटीओ के ई-चालान से जुड़ा होगा, इसलिए उसे खोला। उसे खोलने के बाद वह अपने आप डाउनलोड हो गया। आज सुबह से मेरे जितने भी परिचित हैं और जिन ग्रुप्स में मैं जुड़ा हूं, उन सभी ग्रुप्स में मैं एडमिन बन गया हूं और आरटीओ ऑफिस के नाम से उसी ग्रुप में ई-चालान भेजा जा रहा है। यह किसी साइबर फ्रॉड का काम है।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता बिलासपुर साइबर ऑफिस पहुंचे और मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से मांग की है की जो भी यह फ्रॉड किया है, उसपर तुरंत कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा उन्होंने सभी लोगों से अपील की है मेरे नाम से आरटीओ ऑफिस के नाम पर आने वाले किसी भी मैसेज को न खोलें, क्योंकि उसे खोलते ही उनका मोबाइल भी हैक हो सकता है।
फिलहाल साइबर एक्सपर्ट इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और फर्जी ग्रुप्स को डिलीट भी कर रहे हैं। अभी तक किसी के साथ भी ठगी की सूचना नहीं मिली है।
बता दें कि सितंबर महीने में छत्तीसगढ़ में आरटीओ ई-चालान से जुड़े ऑनलाइन स्कैम के तेजी से बढ़ने का मामला सामने आया था। धोखेबाज नकली चालान बनाकर लोगों को मैसेज भेजते और उनमें दिए गए लिंक (जैसे APK फाइल) पर क्लिक करने के लिए उकसाते थे। इन लिंक के जरिए लोगों की निजी जानकारी और बैंक खातों से पैसे चुराए जाने की बात सामने आई थी।
परिवहन विभाग की चेतावनी
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने आम नागरिकों से अपील की थी कि किसी भी ई-चालान का भुगतान केवल आधिकारिक वेबसाइट https://echallan.parivahan.gov.in के माध्यम से ही करें। विभाग की ओर से बताया गया था कि हाल ही में कुछ धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को नकली संदेश या मेल भेजकर चालान राशि जमा कराने का प्रयास किया गया है। ऐसे प्रकरणों से बचने के लिए नागरिक किसी भी अनधिकृत वेबसाइट या लिंक पर भुगतान न करें।
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