कोलकाता के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को अलर्ट भेजा है. FRRO ने एक बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय पासपोर्ट और चार अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों के साथ पहचान की है. FRRO ने गृह मंत्रालय के तहत 4 और 6 नवंबर, 2025 को गोपनीय पत्र भेजे. FRRO ने तत्काल प्रभाव से फर्जी दस्तावेजों को रद्द करने का प्रस्ताव दिया है.

FRRO ने कुल पांच बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है, जिन्होंने धोखाधड़ी से वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते सहित फर्जी भारतीय प्रमाणपत्र हासिल किए थे. इस खुलासे के बाद मतदाता सूचियों की सटीकता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

जिन लोगों की पहचान हुई है, उनमें अंखी हल्दर के पास भारतीय पासपोर्ट के अलावा बांग्लादेशी पासपोर्ट भी मिला. उनके पास भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड भी था. इसके अलावा, दीपांकर देबनाथ के पास फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड और एसबीआई बैंक अकाउंट मिला.

अन्य नागरिकों के फर्जी दस्तावेज

FRRO ने तीन अन्य बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की, जिनमें बिकाश हल्दर, रिपा रानी साहा और बिजॉय कृष्ण साहा शामिल हैं. इन सभी के पास फर्जी भारतीय वोटर कार्ड पाए गए. इनके पास उनके मूल बांग्लादेशी पासपोर्ट भी थे.

FRRO की तत्काल कार्रवाई की मांग

FRRO ने CEO से गुजारिश की है कि वे सक्षम प्राधिकरण को निर्देश दें कि इन धोखाधड़ी से हासिल किए गए भारतीय पहचान दस्तावेजों को जल्द से जल्द रद्द किया जाए. यह मामला अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार पहचान की चोरी और दस्तावेजों के दुरुपयोग को उजागर करता है.

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