कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसने साइबर अपराधों की पड़ताल करने वालों को भी उलझन में डाल दिया है। ग्वालियर में आबकारी विभाग की रिटायर्ड महिला अधिकारी हर्षा आहूजा के बैंक खाते से 2 लाख 99 हजार रुपए की ठगी हो गई। हैरानी की बात है की उन्होंने न किसी से कोई OTP साझा किया, न उनके पास कोई संदिग्ध मैसेज आया और न ही किसी अनजान लिंक पर क्लिक किया। ठगी की शिकायत मिलते ही पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।

मिनिमम बैलेंस के लिए बैंक से फोन आने पर हुआ खुलासा

दरअसल, ग्वालियर के नागदेवता की गली जीवाजीगंज निवासी 66 साल की हर्षा आहूजा ने क्राइम ब्रांच साइबर सेल से शिकायत की है। जिसमें उन्होंने बताया कि उनका यूनियन बैंक में उनका खाता है, जिसमें करीब 3 लाख रुपए जमा थे। ठगों ने 25 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच 16 दिन में यह सारा पैसा चुरा लिया। खाता खाली होने की जानकारी भी उन्हें बैंक के कॉल से मिली। बैंक की ओर से हर्षा आहूजा को मिनिमम बैलेंस न होने पर फोन किया गया। तब इसका खुलासा हुआ।

1 रुपए 20 पैसे निकालकर ठगों ने की शुरुआत

साइबर ठगों ने चोरी की शुरुआत 25 सितंबर को 1 रुपए 20 पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करके की थी। जिसके बाद ठगों ने 50 हजार, 49 हजार और 50 हजार रुपए की बड़ी रकम निकाल की। सभी ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिए हुए हैं, जबकि पीड़िता का दावा है कि उनकी कोई यूपीआई आइडी नहीं बनाया है।साइबर फ्रॉड का यह तरीका साइबर सेल के लिए भी एक चुनौती बन गया है। 

ऑटो एप डाऊनलोड पर था फोन

CSP नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि महिला के साथ एक ऐप के जरिए ठगी हुई है। मोबाइल ऑटो ऐप डाउनलोड पर लगा हुआ था, जिससे ऐप अपने आप डाउनलोड हो गया और उसका फायदा ठगो ने ठग लिया। उन्होंने बताया कि जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उनका ब्यौरा निकाला जा रहा है। ठगों के पकड़े जाने पर ही इस नए ‘अदृश्य’ फ्रॉड का पूरा सीन सामने आएगा। फिलहाल साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात ठग आरोपी के खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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