रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर संदेश भेजा है. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की बीसवीं सालगिरह पर राज्योत्सव आयोजित कर रहा है. मैं इस अवसर पर प्रदेश के सभी निवासियों को दिल से बधाई देती हूं. राज्योत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके सभी सहयोगियों और छत्तीसगढ़ की जनता को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं. सोनिया गांधी के इस संदेश को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव का शुभारंभ करते हुए मंच से पढ़कर प्रदेशवासियों को सुनाया.

ये हैं सोनिया गांधी का पूरा संदेश

किसी भी प्रदेश के जीवन में दो दशक अगर बहुत लंबा समय नहीं होता है तो बहुत छोटा अरसा भी नहीं होता है. यह अंतराल किसी भी नए राज्य के विकास के लिए काफी होता है. छत्तीसगढ़ जब नया राज्य बना तो शुरू में उसने तेजी से तरक्की की तरफ कदम बढ़ाए. लेकिन बाद में पंद्रह साल का लंबा वक्त ऐसा गुजरा कि यहां की सरकारों का ध्यान प्रदेश की प्रगति के बजाय नकारात्मक राजनीति पर ज्यादा केंद्रित रहा. इस वजह से छत्तीसगढ़ में जैसा विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ.

मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने एक बार फिर लोकतंत्र और भाईचारे के रास्ते को चुना और नई सरकार बनने के बाद से प्रदेश की प्रगति का पहिया फिर तेजी से घूमने लगा है. कांग्रेस के नेतृत्व में बनी सरकार ने दस महीने के भीतर ही समाज के हर वर्ग के हित में इतनी योजनाएं और कार्यक्रम लागू कर दिए हैं कि उमंग और उत्साह के एक नए माहौल की शुरुआत हुई है. जब पूरे देश में और ज्यादातर राज्यों में लोग भयावह आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रयासों से हालात काफी हद तक काबू में हैं. किसानों, आदिवासी बहन-भाइयों, छोटे दूकानदारों, व्यवसाइयों और उद्यमियों को दी गई सहूलियतों से नए रोजगार भी पैदा हो रहे हैं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी संतोषजनक है.

आज के इस अवसर पर मैं विद्याचरण शुक्ला, नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और तमाम दूसरे उन सभी साथियों को याद करना चाहती हूं, जो कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की मजबूती के लिए संघर्ष करते हुए बस्तर की परिवर्तन रैली में जाते समय माओवादियों के हमले में शहीद हो गए. मैं उन सबको श्रद्धांजलि देती हूं.

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पिछले कुछ वर्षों से हमारे देश की बुनियाद पर हर तरह के हमले हो रहे हैं. लोकतंत्र कमजोर किया जा रहा है. संवैधानिक संस्थाएं दबावों का सामना कर रही हैं. सामाजिक ताना-बाना चरमरा गया है. गलत फैसलों ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. मुझे पूरा विश्वास है कि छत्तीसगढ इन चुनौतियों का सामना करने में पूरे देश को राह दिखाएगा. कितनी ही मुश्किलें आएं, छत्तीसगढ़ की बेहतरी का संकल्प हमें हमेशा कायम रखना है.