थिम्पू (भूटान)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा संपन्न कर नई दिल्ली रवाना हुए. इस यात्रा में उच्च स्तरीय बैठकें, संयुक्त उद्घाटन और ऊर्जा, संपर्क, प्रौद्योगिकी और सतत् विकास में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण घोषणाएँ शामिल थीं.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने X पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान की एक सफल राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. एक विशेष सम्मान के रूप में, महामहिम, भूटान नरेश, प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे पर विदा करने आए. यह यात्रा भारत-भूटान द्विपक्षीय मित्रता को और प्रगाढ़ करेगी और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी.”
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे के साथ ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, संपर्क और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की.
इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी और राजा द्वारा भगवान बुद्ध के पवित्र पिपराह अवशेषों की उपस्थिति में 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त उद्घाटन था. दोनों नेताओं ने इस परियोजना से भारत को बिजली निर्यात शुरू होने का स्वागत किया और इसे अनुकरणीय जलविद्युत सहयोग का प्रमाण बताया.
दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I परियोजना के मुख्य बांध पर काम फिर से शुरू होने का भी स्वागत किया और इसके शीघ्र पूरा होने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह परियोजना दोनों देशों के बीच संयुक्त रूप से विकसित सबसे बड़ी जलविद्युत पहल होगी.
भूटानी नेताओं ने ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 40 अरब रुपये की रियायती ऋण सहायता की भारत द्वारा की गई घोषणा की भी सराहना की, साथ ही बुनियादी ढाँचे और विकास पहलों के लिए निरंतर समर्थन भी दिया. सीमा पार संपर्क को बढ़ावा देते हुए, नेताओं ने नवंबर 2024 में दरंगा में इमिग्रेशन चेक पोस्ट और मार्च 2025 में जोगीगोफा में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के चालू होने का स्वागत किया.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने गेलेफू और कोकराझार तथा समत्से और बनारहाट के बीच रेल संपर्क के लिए सितंबर 2025 में समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने का भी उल्लेख किया, जिसके लिए अब एक परियोजना संचालन समिति गठित की गई है.
अडानी, टाटा और रिलायंस के साथ किया समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भूटान यात्रा के दौरान नई ऊर्जा परियोजनाओं के समर्थन के लिए ₹4,000 करोड़ (लगभग 455 मिलियन डॉलर) की ऋण सहायता की घोषणा की. उन्होंने राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन भी किया, जिसका निर्माण भारत के सहयोग से किया गया है.
टाटा पावर, अदानी समूह और रिलायंस पावर जैसी निजी भारतीय कंपनियों ने भी आने वाले वर्षों में और अधिक जलविद्युत परियोजनाएँ विकसित करने के लिए भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
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