World Kindness Day: हर साल 13 नवंबर को पूरी दुनिया विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) मनाती है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को एक-दूसरे के प्रति दयालुता, करुणा और मानवीय संवेदनाओं के महत्व को समझाना है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब लोग तनाव, प्रतिस्पर्धा और आत्मकेंद्रित सोच में उलझे हैं, ऐसे समय में यह दिन हमें इंसानियत के मूल भाव “दयालु बनने” की याद दिलाता है।

विश्व दयालुता दिवस का इतिहास

विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत वर्ष 1998 में जापान के “वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट” संगठन द्वारा की गई थी। इसका मकसद था दुनियाभर के लोगों को दयालुता के माध्यम से जोड़ना और समाज में सकारात्मकता फैलाना। आज 30 से अधिक देश इस आंदोलन का हिस्सा हैं, जो मानवता को एक साझा सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहे हैं।

दयालुता का महत्व

दयालुता केवल किसी जरूरतमंद की मदद करना ही नहीं, बल्कि किसी के प्रति अच्छा व्यवहार, मुस्कुराकर बात करना या किसी की भावनाओं को समझना भी है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि दयालुता न केवल दूसरों के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि इससे हमारे मन में भी खुशी और मानसिक शांति बढ़ती है।

छोटी-छोटी दयालुता की पहल

  • किसी बुजुर्ग को सड़क पार कराने में मदद करना
  • जरूरतमंदों को भोजन या कपड़े देना
  • पेड़-पौधे लगाना
  • किसी दुखी व्यक्ति को हौसला देना
  • सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातें फैलाना

ये छोटे-छोटे कदम समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

इस वर्ष की थीम

2025 में विश्व दयालुता दिवस की थीम “Be Kind, Build the Future” (दयालु बनो, भविष्य बनाओ) रखी गई है। यह संदेश देती है कि दयालुता न केवल वर्तमान को बेहतर बनाती है, बल्कि एक शांतिपूर्ण और सहयोगी भविष्य की नींव रखती है।

आज के इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में दयालुता को एक आदत बनाएं — चाहे वह घर में हो, कार्यस्थल पर या समाज में। क्योंकि एक दयालु मन ही बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकता है।