अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। उत्तर भारत से आई ठंडी हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन सबसे ज्यादा असर शहडोल जिले में देखा गया। भारतीय मौसम विभाग, भोपाल केंद्र के अनुसार शहडोल का न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे मध्यप्रदेश में सबसे कम रहा। इससे पहले इतनी ठंड नवंबर माह के शुरुआती हफ्तों में कम ही देखने को मिली थी। 

खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर लोग

तेज ठंडी हवाओं और कोहरे की चादर के बीच सुबह-सुबह लोग घरों में दुबके नजर आए। शहर के चौराहों और गलियों में जगह-जगह अलाव जलाकर लोग ठंड से राहत पाने की कोशिश करते दिखे, दुकानों और चाय स्टालों पर भीड़ बढ़ गई है। वहीं सर्द हवाओं से बेघर और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नगर निगम द्वारा रैन बसेरों की व्यवस्था के बावजूद कई लोग खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर हैं।

ठंड का असर और बढ़ सकता है

स्थानीय मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले दो से तीन दिनों तक ठंड का असर और बढ़ सकता है, क्योंकि हवा का रुख उत्तरी दिशा से बना हुआ है। ठंड के कारण खेतों में काम करने वाले किसान, रिक्शा चालकों और मजदूरों को भी परेशानी हो रही है।

आवारा मवेशियों की स्थिति दयनीय

वहीं आवारा मवेशियों की स्थिति भी दयनीय है। खुले में घूमते मवेशी ठंड से ठिठुर रहे हैं। सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन से अपील की है कि रात्रि में घूम रहे बेसहारा पशुओं और गरीबों के लिए राहत व्यवस्था की जाए। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में शहडोल, उमरिया, रीवा, सिंगरौली और इंदौर जिलों में ‘तीव्र शीत लहर’ की संभावना बनी रहेगी। नवंबर में ही जनवरी जैसी ठिठुरन होते ही लोग बोले, इतनी ठंड तो सालों बाद महसूस हो रही है।

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