हेमंत शर्मा, इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में मध्यप्रदेश अब तेजी से भारत के टेक्नोलॉजी मानचित्र पर अपनी पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने गुरुवार को इंदौर में “मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0” का आयोजन किया — जो प्रदेश की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। कार्यक्रम में आईटी, एआई, सेमीकंडक्टर, ड्रोन, फिनटेक, क्लाउड और ईएसडीएम जैसे उभरते क्षेत्रों पर फोकस किया गया। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस आयोजन से लगभग ₹15,896 करोड़ का निवेश और 64,085 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
टेक ग्रोथ 1.0 से 2.0 तक – तेज़ी से आगे बढ़ता मध्यप्रदेश
फरवरी 2025 में भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और अप्रैल 2025 में आयोजित Tech Growth Conclave 1.0 के दौरान राज्य को 99 निवेश प्रस्ताव मिले थे, जिनसे ₹34,000 करोड़ के निवेश और करीब 2 लाख रोजगार की संभावनाएं बनीं।
अब सिर्फ आठ महीनों में 6000 करोड़ का निवेश ज़मीन पर उतर चुका है और 50,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है — जो प्रदेश की टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ग्रोथ का ठोस प्रमाण है।
68 गतिविधियाँ – निवेश और रोजगार का नया अध्याय
इंदौर में हुए Tech Growth Conclave 2.0 के दौरान कुल 68 प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की गईं — जिनमें उद्घाटन, भूमिपूजन, एमओयू साइनिंग, निवेश समझौते, घोषणाएँ और वन-टू-वन बैठकें शामिल रहीं।
इस दौरान 700 से अधिक उद्योगपतियों, CXOs, निवेशकों और स्टार्टअप लीडर्स ने हिस्सा लिया। ड्रोन सेक्टर, गेमिंग और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) पर केंद्रित दो महत्वपूर्ण राउंडटेबल सेशन हुए।
22 नई तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन
इस कॉन्क्लेव में 22 नई औद्योगिक और तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन किया गया, जिनमें ₹257 करोड़ का निवेश और 2125 रोजगार के अवसर सृजित हुए। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स शुरू की जाएंगी।
उद्घाटन की गई प्रमुख कंपनियों में
Clinisupplies UK, Vena India, Solugenix, IZI Ventures, Jetwave Solutions, Magnet Brains, Byte Bonding जैसी प्रसिद्ध कंपनियाँ शामिल हैं।
1346 करोड़ की नई परियोजनाओं का भूमिपूजन
कार्यक्रम में 4 नई परियोजनाओं का भूमिपूजन किया गया, जिनमें ₹1346.75 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं से लगभग 21,150 युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
भूमि आवंटन और एमओयू
राज्य सरकार ने उद्योग प्रवर्धन को गति देने के लिए 9 कंपनियों को भूमि आवंटन हेतु आशय पत्र (LOA) जारी किए हैं। इनसे लगभग ₹10.61 करोड़ का निवेश और 740 नए रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा, ₹800 करोड़ के 7 प्रमुख एमओयू साइन हुए — जिनमें आईटी, टेक्नोलॉजी और रिसर्च सेक्टर की अग्रणी कंपनियाँ शामिल हैं। मुख्य साझेदारों में SOMVEDA, DAVV IT Park, ANSR, GDAI, TiE राजस्थान, CodeYogi Foundation, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय सेना के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग शामिल रहे।
नई नीतियाँ और लॉन्च
1. मध्यप्रदेश स्पेसटेक नीति 2025 (ड्राफ्ट):
राज्य को भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी इकॉनमी में अग्रणी बनाने के लिए नीति का प्रारूप लॉन्च किया गया।
2. CISO पोर्टल:
सभी सरकारी विभागों के लिए केंद्रीकृत साइबर सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया गया, जो रीयल-टाइम थ्रेट मॉनिटरिंग और साइबर सुरक्षा को मज़बूत करेगा।
3. ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी:
“डिजिटल मध्यप्रदेश” की दिशा में यह पहल भू-प्रबंधन, शहरी नियोजन, सिंचाई और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन डेटा के उपयोग को बढ़ावा देगी।
अनुसंधान और विकास के लिए नया समझौता
कार्यक्रम के दौरान ₹85.51 करोड़ के निवेश के साथ IISER भोपाल के साथ एक बड़ा एग्रीमेंट हुआ — जिसके तहत ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए विश्वस्तरीय Centre of Excellence की स्थापना की जाएगी।
प्रदर्शनियों में दिखा भविष्य का भारत
कॉन्क्लेव में आयोजित टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी में हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआर/वीआर, ब्लॉकचेन, एग्री-ड्रोन और एआई-आधारित सर्विस इनोवेशन की झलक देखने को मिली। इंदौर, भोपाल और बड़वानी की कंपनियों ने अपनी अत्याधुनिक तकनीकी खोजों का प्रदर्शन किया।
सरकार की बड़ी घोषणाएँ
SpaceTech Policy 2025 जल्द लागू होगी, जिससे सैटेलाइट डेटा, रिमोट सेंसिंग और स्पेस स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा। भोपाल में Knowledge & AI City विकसित की जाएगी, जो 2000 एकड़ भूमि पर आधारित होगी। Science City Project के लिए 25 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी — जो युवाओं और विद्यार्थियों के लिए नवाचार और प्रयोग का केंद्र बनेगी।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा मध्यप्रदेश अब केवल निवेश का केंद्र नहीं, बल्कि देश की नई तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा है। पारदर्शी नीतियों और निवेशक-अनुकूल माहौल ने राज्य को भारत के अग्रणी टेक हब्स की श्रेणी में ला खड़ा किया है। मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0” ने साबित कर दिया कि अब राज्य सिर्फ कृषि या परंपरागत उद्योगों का नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाईटेक टेक्नोलॉजी का भी केंद्र बन चुका है।सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है — “प्रदेश का हर प्रतिभावान युवा, अपने ही राज्य में सम्मान और अवसर पाए।”
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