टुकेश्वर लोधी, आरंग। क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव वालों ने शायद ही ये कल्पना की होगी कि जब यहां बड़ी सी फैक्ट्री लगेगी तो यहां से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के बजाय दूषित पानी निकलेगा तो जहर बनकर नालों में बहेगा, जिससे फसल, पशुधन सहित लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। आपको ये पढ़कर हैरानी होगी, लेकिन ये सच्चाई है। ग्राम भिलाई स्थित मोदी बायोटेक प्लांट क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान नहीं अभिशाप बन गया है।

आरंग विकासखंड और अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भिलाई स्थित मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा औद्योगिक कचरे और दूषित पानी को सीधे स्थानीय नाले में बहाए जाने के कारण क्षेत्र में एक गंभीर पर्यावरणीय और कृषि संकट उत्पन्न हो गया है। इस लापरवाही के चलते कई मवेशियों और जलीय जीव-जंतुओं की दर्दनाक मौत हो चुकी है। साथ ही किसानों के फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

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फैक्ट्री द्वारा जिस नाले में दूषित पानी को डाला जा रहा उससे किसानों के खेतों तक गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी आता है। फैक्ट्री का दूषित पानी किसानों के खेतों में भी जा रहा है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने मोदी बायोटेक प्लांट के खिलाफ कई बार शासन प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अभी तक प्लांट के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने बताया कि प्लांट से निकलने वाले अत्यधिक दूषित पानी को पीने से अब तक कई मवेशी बीमार पड़कर मर चुके हैं। नाले और जलस्रोतों में रहने वाले जलीय जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है, जिससे स्थानीय पर्यावरण संतुलन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

फसलों को भारी नुकसान

दूषित जल के रिसाव और बहाव के कारण आसपास के कृषि भूमि की उर्वरता प्रभावित हुई है। किसानों का कहना है कि उनकी तैयार फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है।

प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल

ग्रामीणों और प्रभावित किसानों ने इस संबंध में स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कई बार लिखित एवं मौखिक शिकायतें की है। लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस और उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह उदासीनता प्लांट को अप्रत्यक्ष रूप से ‘संरक्षण’ दिए जाने के सवाल खड़े करती है। शासन स्तर पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर मोदी बायोटेक प्लांट प्रबंधन से साठगांठ का आरोप लगाया है।

ग्रामीणों में भारी नाराजगी, एक बड़े आंदोलन की तैयारी

दूषित पानी के अवैध बहाव और प्रशासन की निष्क्रियता से आक्रोशित आसपास के ग्रामीण एकजुट हो रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि यदि प्लांट प्रबंधन द्वारा तुरंत इस अवैध और हानिकारक गतिविधि को नहीं रोका गया और उचित निस्तारण की व्यवस्था नहीं की गई तो वे जल्द ही एक बड़ा और निर्णायक आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामवासियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यह मामला अब केवल पर्यावरणीय प्रदूषण का नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य, पशुधन सुरक्षा और किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने इस मामले में जिला प्रशासन, पर्यावरण विभाग और संबंधित उच्च अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की करते हुए मोदी बायोटेक प्लांट के खिलाफ सख्त कानूनी और दंडात्मक कार्यवाही करने, दूषित जल के बहाव को शीघ्र रोककर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करने, प्रभावित किसानों और पशुपालकों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।