जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे नौगाम पुलिस स्टेशन के पास जबरदस्त धमाका हुआ। ब्लास्ट की आवाज दूर-दूर तक सुनी गई और आसपास खड़े वाहनों में आग लग गई। मौके पर तुरंत दमकल की गाड़ियां पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हुई और 29 लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर पुलिस और फोरेंसिक अधिकारी थे। घायल लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार कई सुरक्षा जवान भी धमाके की चपेट में आए। यह पुलिस स्टेशन रिहायशी इलाके के पास था, जिससे स्थानीय लोगों में भय फैल गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि धमाका जब्त किए गए एक्सप्लोसिव के कारण हुआ।

विस्‍फोटक का कवर बनाने वाले दर्जी की भी मौत

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि मारे गए लोगों की पहचान करना मुश्किल हो रही है और कई शवों की शिनाख़्त अभी तक नहीं हो पाई है। धमाके की वजह से कई कारों में आग लग गई। मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार धमाके में स्थानीय दर्जी की भी मौत हुई है, जिसे विस्फोटक सामग्री को कवर करने का काम सौंपा गया था। इस धमाके में 9 लोगों की मौत और 29 लोग घायल हुए थे, जिनमें ज्यादातर पुलिस और फोरेंसिक अधिकारी शामिल हैं। घायल लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

CCTV में कैद हुआ वीडियो

धमाका उस समय हुआ जब फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की एक टीम, स्थानीय पुलिसकर्मी और एक राजस्व अधिकारी (नायब तहसीलदार) जब्त विस्फोटक सामग्री की जांच कर रहे थे। यह विस्फोटक मुख्य रूप से अमोनियम नाइट्रेट था और कथित तौर पर “अत्यधिक अस्थिर” था। घटना का वीडियो पास लगे सीसीटीवी में कैद हो गया। धमाके की तेज़ आवाज से आसपास के घरों और इमारतों के शीशे टूट गए। फरीदाबाद से लाई गई यह अमोनियम नाइट्रेट सामग्री नौगाम थाने में जांच के लिए रखी गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाके के समय दहशत फैल गई, कई कारों में आग लग गई और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

कैसे हुआ कश्‍मीर के थाने में ब्‍लास्‍ट? 

कश्‍मीर पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पहले एक डॉक्टर डॉ. मुज़म्मिल गनई को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर फरीदाबाद से लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था। उसी श्रृंखला में, 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से गनई के किराए के आवास से श्रीनगर लाकर नौगाम थाने में रखी गई थी। गनई आतंकी मॉड्यूल मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से एक हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार FSL की टीम इस विस्फोटक के सैंपल इकट्ठा कर रही थी, इसी दौरान धमाका हुआ। घायल पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को इलाज के लिए 92 बेस अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाके के समय इलाके में अफरा-तफरी मच गई और कई वाहनों में आग लग गई। जानकारी के अनुसार धमाके में स्थानीय दर्जी की भी मौत हुई, जिसे विस्फोटक सामग्री को कवर करने का काम सौंपा गया था।

मृतकों में ज्यादातर जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी और अमोनियम नाइट्रेट की जांच कर रहे फोरेंसिक टीम के अधिकारी शामिल हैं। विस्फोट में एक नायब तहसीलदार सहित श्रीनगर प्रशासन के दो स्थानीय अधिकारी भी मारे गए। धमाका उस समय हुआ जब FSL टीम, स्थानीय पुलिसकर्मी और राजस्व अधिकारी (नायब तहसीलदार) जब्त विस्फोटक सामग्री के नमूने इकट्ठा कर रहे थे। विस्फोटक मुख्य रूप से अमोनियम नाइट्रेट था और अत्यधिक अस्थिर बताया गया। पुलिस के अनुसार यह विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से लाई गई थी। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या पूरी 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री थाने में रखी गई थी, जहां 19 अक्टूबर को सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।

जब्त किए गए विस्फोटक इस इंटर-स्टेट जैश-ए-मोहम्मद (JEM) के “सफेदपोश” मॉड्यूल का अहम हिस्सा थे। यह आतंकवाद-रोधी जांच तब शुरू हुई जब श्रीनगर के नौगाम इलाके में दीवारों पर JEM समर्थक पोस्टर दिखाई दिए। कई राज्यों में छापेमारी के बाद अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें डॉक्टर और एक इमाम भी शामिल हैं। मुख्य आरोपी डॉ. उमर के घर को भी पुलिस ने नष्ट किया।

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