दल्लीराजहरा। रेलवे विभाग एवं राज्य शासन से पिछले कुछ समय से आ रहे नोटिसों ने दल्लीराजहरा के नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है. घर खाली करने के निर्देश ने परिवारों को भय के माहौल में जीने को मजबूर कर दिया है.

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पिछले कई वर्षों से अलग-अलग संगठनों और नागरिक समूहों द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार आंदोलन, ज्ञापन और मांगें उठाई जाती रहीं, लेकिन न सुधार हुआ, न कोई स्थायी उपाय किए गए. स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार से जुड़े मुद्दे वर्षों से लंबित रहे, और अब अचानक दर खाली एवं टूटने तथा संरचनाएँ हटाने का हवाला देकर लोगों को उजाड़ने जैसी कोशिशें शुरू कर दी गई हैं.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि रेलवे विभाग लगातार दबाव डाल रहा है, स्थान पर लोग वर्षों से रह रहे हैं साथ ही साथ रेलवे को टैक्स पटा रहे हैं. दूसरी ओर, शासन की ओर से भी कार्रवाई की आड़ में लोगों को डराया जा रहा है. नागरिकों का आरोप है कि सड़क की वास्तविक स्थिति पर वर्षों तक कोई ध्यान नहीं दिया गया, और अब फोरलेन निर्माण को बहाना बनाकर तोड़ने की प्रक्रिया चलाई जा रही है.

गंभीर परिस्थितियों के बीच दल्ली राजहरा के नागरिकों में सबसे अधिक आक्रोश इस बात को लेकर है कि विभिन्न जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने केवल आश्वासन देने की औपचारिकता निभाई है, परंतु आज तक किसी भी स्तर पर
ठोस कदम नहीं उठाए गए लोगों का स्पष्ट मत है कि यदि आने वाले समय में इसी तरह की प्रक्रिया जारी रही, तो पूरा शहर उजड़ने की कगार पर पहुंच जाएगा और दशकों से यहां बसे हजारों परिवारों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.

नल घर के इर्द-गिर्द बनेगा बाउंड्रीवाल, दरवाजे और खिड़कियों में लगेगी जाली

दुर्ग। जलघर के संपवेल में शव मिलने के बाद निगम प्रशासन हरकत में आ गया है. शुक्रवार को एमआईसी की बैठक में महापौर अलका बाघमार ने सभी पानी टंकियों और नल घरों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश दिया. योजना को एक सप्ताह में लागू करने की बात कही.

भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी पानी टंकियों और नल घरों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की योजना पर गुरुवार को एमआईसी में चर्चा हुई. निर्णय लिया गया कि एक सप्ताह में योजना के मुताबिक नल घर के चारों ओर बाउंड्रीवाल, सभी कमरों में मजबूत दरवाजे, खिड़कियों पर जालियां लगाने और परिसर की संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत की जाएगी. वहीं टंकियों और संपवेल में होने वाली दुर्घटनाएं और कार्रवाई के संकेत दिए गए.

ज्ञात रहे कि गुरुवार की सुबह साढ़े सात बजे पंप ऑपरेटर ने जलघर के संपवेल में पानी में शव तैरता देखा. पुलिस के मुताबिक शव तीन से चार दिन पुराना था. इस अवधि में संपवेल का पानी दो टंकियों से होते हुए तीन वार्डों में सप्लाई होता रहा.

नींव खोदते समय मकान की दीवार गिरी, 2 श्रमिकों की मौत

दुर्ग। कच्चे मकान की दीवार के नीचे दबकर दो मजदूरों की मौत हो गई. घटना धमधा थाना अंतर्गत ग्राम हीरेतय की है, जहां दोनों श्रमिक मकान की नींव की खुदाई कर रहे थे. इस बीच बाजू से सटे कच्चे मकान की दीवार ढह गई, जिसमें दोनों दब गए. एक युवक की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ा. पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है.

पुलिस ने बताया कि ग्राम हीरेतय निवासी गुरुदेव चंदेल ने शुक्रवार सुबह अपने मकान की नींव खोदने के लिए ग्राम पेन्ड्रावन निवासी कमल नारायण ठाकुर, ईश्वरी गायकवाड, पोषण डांगे और दुर्गेश ठाकुर को मजदूरी करने बुला लिया. सुबह करीब 9 चारों युवकों नींव खोदने का शुरू कर दिया, जहां नींव के मिट्टी खोदी जा रही थी. इस बीच कच्चे मकान की दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जिसमें कमल नारायण ठाकुर (25 वर्ष) और ईश्वरी गायकवाड़ (35 वर्ष) दब गए. कमल की मौके पर और ईश्वरी की आस्पताल में मौत हो गई. घटना की जानकारी डायल 112 पर कॉल कर करके पुलिस को दी गई.