हरिओम श्रीवास,मस्तूरी। बीजेपी मंडल अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया मल्हार में सम्पन्न होने वाला था. दोपहर दो बजे बैठक रखी गई. बैठक में पर्यवेक्षक अश्विन यादव, चुनाव प्रभारी शंकर दयाल शुक्ला, सह प्रभारी प्रणव शर्मा मस्तूरी विधायक डॉ. कृष्ण मूर्ति बांधी की देख-रेख में मंडल अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन चुनावी प्रक्रिया के दौरान ही कार्यकर्ताओं में तू-तू मैं-मैं होने लगी. इतना ही नहीं नौबत हाथापाई तक आ गई. इतने मारपीट की स्थिति देखते हुए विधायक वहां से दबे पांव निकल गए. कुछ ने पर्यवेक्षक से मत पेटी छीन कर भी फेंक दिया. फिर क्या था मंडल अध्यक्ष का चुनाव स्थगित करना पड़ा.

मस्तूरी विधायक डॉ. बांधी द्वारा कुछ समर्थकों को मनमानी करते हुए 45 मंडल कार्यकारिणी सदस्य बनाये जाने पर कार्यकर्ता पुरजोर विरोध करते रहे. इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए कार्यकर्ताओं को दावेदारी के लिए आमंत्रित किया गया. दावेदारों के बीच सर्वसम्मति बनती नहीं देखकर समझाइश का दौर शुरू हुआ. काफी माथापच्ची के बाद भी जब बात नहीं बनी तो खुद चुनाव प्रभारी व पर्यवेक्षक समझाइस देते रहे, लेकिन कोई नहीं सुना और कार्यकर्ता तैयार भी नहीं हुए. वही स्थिति को बिगड़ते देख चुनाव प्रभारी ने नामांकन मांगे तो ग्यारह लोगों ने नाम दाखिल किया.

समझाइस के बाद तीन उम्मीदवार हेमन्त तिवारी, रणजीत सिंह, महेंद्र पटेल मैदान में रहे. वही कुछ लोगों के नाम वापस लेने के बाद ही सिर्फ तीन उम्मीदवार मैदान में रहे. फिर तीनों के बीच भी सहमति नहीं बनी. तभी चुनाव कराने का फैसला लिया गया. जिसमें इकाई अध्यक्ष की सत्यपित सूची पर्यवेक्षक एवं चुनाव प्रभारी उपलब्ध नहीं करा पाए. केवल सक्रिय सदस्यों की सत्यपित सूची उनके पास उपलब्ध थी. इकाई अध्यक्ष के असत्यपित सूची के आधार पर चुनाव कराने की कोशिश की और यही विवाद का कारण बन गया.

कार्यकर्त्ताओ का मानना था कि चुनाव शांति पूर्वक हो, लेकिन मस्तूरी के विधायक डॉ. बांधी के उम्मीदवार महेंद्र पटेल की स्थिति कमजोर होने के कारण अपने कुछ समर्थकों को उकसा कर विवाद की स्थिति निर्मित करवा दी. जिसके कारण मल्हार नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राजेश पाण्डेय, राकेश गुप्ता मंडल उपाध्यक्ष पर्यवेक्षक एवं चुनाव प्रभारी से विवाद करते हुए मत पेटी को छीन कर फेंक दिया. हालात को देखते हुए चुनाव पर्यवेक्षक मंडल अध्यक्ष की चुनाव को निरस्त कर दिया.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सम्पूर्ण विवाद का स्थिति बनने सभी कार्यकर्ता मस्तूरी विधायक को कोष रहे हैं. इस दौरान कार्यकर्ताओ में तू-तू, मैं-मैं के साथ धक्का मुक्की और मारपीट की स्थिति को देखते हुए और क्षेत्रीय विधायक भाग खड़े हुए. इसी बीच नोक-झोंक हुई और नाम नहीं छापने के शर्त पर एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने जानकारी दी हैं कि इसी बीच में अरविंद साहू, हेमन्त तिवारी, रवि कैवर्त, राजेश पाटले के बीच थोड़ी हाथापाई हुई. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप मढ़ते रहे और कुछ घण्टो तक जोर आजमाइस के बाद विधायक पर भी कार्यकर्ता बरसते रहे.