De De Pyaar De 2 Review : दे दे प्यार दे 2 अपने पहले पार्ट की तरह एक बार फिर एज-गैप रोमांस और फैमिली ड्रामा का मजेदार मिश्रण पेश करती है. पहली फिल्म में आशिष (अजय देवगन) और आयशा (रकुल प्रीत सिंह) के अनकन्वेंशनल रिश्ते और उनकी उम्र के अंतर को हल्के-फुल्के और इमोशनल अंदाज में दिखाया गया था. इस सीक्वल में कहानी वहीं से आगे बढ़ती है. आयशा अपने बॉयफ्रेंड आशिष को अपने माता-पिता से मिलाने के लिए लंदन से चंडीगढ़ बुलाती है. उसकी भाभी किट्टू (इशिता दत्ता) को इस रिश्ते का पता चल जाता है और वह आयशा के मॉडर्न और प्रोग्रेसिव बनने की कोशिश करने वाले माता-पिता, राकेश (आर. माधवन) और अंजू (गौतमी कपूर) को बता देती है. हालांकि वे खुद को ओपन माइंड सेट वाला बताते हैं, लेकिन आशिष को देखकर उनका रिएक्शन फनी और ड्रामैटिक होता है. (फिल्म दे दे प्यार दे 2 का रिव्यू)

जब आशिष की असल उम्र सामने आती है, तब हालात बिगड़ जाते हैं और आयशा गुस्से में घर छोड़ देती है. इसके बाद कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं, जिनमें आशिष का दोस्त रोनक और आयशा का बचपन का दोस्त आदित्य की एंट्री होती है. अजय देवगन की मैच्योरिटी और चार्म पूरी फिल्म में छाए रहते हैं, वहीं रकुल इमोशनल सीन में थोड़ी कमजोर दिखती हैं, लेकिन कुल मिलाकर उनकी परफॉर्मेंस नैचुरल और फ्रेश लगती है. आर. माधवन एक पिता के रूप में पूरी तरह जंचते हैं, और अजय के साथ उनके दृश्यों में खूब मजा आता है.  सपोर्टिंग कास्ट में जावेद और मिजान जाफरी का डांस और कॉमिक टाइमिंग यादगार है.

कैसा है फिल्म का डायरेक्शन और एग्जीक्यूशन (De De Pyaar De 2 Review)

अंशुल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म दे दे प्यार दे 2 ने पहले हाफ में कॉमेडी, रोमांस और फैमिली ड्रामा का अच्छा बैलेंस बनाया है. फिल्म का पहला हाफ मजेदार सीन्स और एंटरटेमेंट से भरपूर है. दूसरे हाफ में स्टोरी थोड़ी प्रेडिक्टेबल हो जाती है और इमोशनल पंचेस वीक लगते हैं. सिनेमॉटोग्राफी में चंडीगढ़ के हरे-भरे खेत और लंदन के ब्यूटीफुल शॉट्स अच्छे दिखाए गए हैं. एडिटिंग स्मूद है, लेकिन क्लाइमेक्स में कहानी थोड़ी स्लो लगती है. म्यूजिक में अरमान मलिक और श्रेया घोषाल के गाने एवरेज हैं, और हनी सिंह का प्रमोशनल ट्रैक थोड़ी फोर्स्ट फील होता है.

दे दे प्यार दे 2 का फाइनल वर्डिक्ट (De De Pyaar De 2 Review)

दे दे प्यार दे 2 एक लाइट-हार्टेड एंटरटेनर फिल्म है, जो पहले हाफ में काफी मजेदार और एंगेजिंग है, लेकिन दूसरे हाफ में प्रेडिक्टेबल और थोड़ी वीक लगती है. दर्शकों के लिए एज-गैप रोमांस और फैमिली ड्रामा को एंटरटेनिंग अंदाज में पेश किया गया है, लेकिन इमोशनल डेप्थ और स्टोरी कंसिस्टेंसी में थोड़ी कमी है. अजय-रकुल और आर. माधवन के परफॉर्मेंस के साथ यह फिल्म एक कैजुअल वीकेंड वॉच के लिए सही साबित हो सकती है. अगर आपको पहली फिल्म पसंद आई थी, तो यह सिक्वल भी एंजॉय कर पाएंगे, बस एक्सपेक्टेशंस थोड़ी रियलिस्टिक रखनी होंगी.