देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता में भगवान बिरसा मुण्डा की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनजाति गौरव दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 9.68 करोड़ की लागत के महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता का शिलान्यास और नगर निकाय नानकमत्ता के 01 करोड़ की लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री ने इस दौरान सात घोषणाएं की

मुख्यमंत्री ने इस दौरान सात घोषणाएं की। इनमें साधु नगर स्थित कैलाश नदी पर पुल, राय सिख भवन के लिए धनराशि अवमुक्त करने, नानकमत्ता बांध को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने, सनातन धर्म उत्थान समिति भवन एवं मंदिर निर्माण के लिए धनराशि प्रदान करने, ज्ञानपुर से बरकीडण्डी-औदली, डोहरी- एस्था बी से देवीपुरा-गिधौर परसैनि-बैलपड़ाव को जोडने वाले सड़क मार्ग का डामरीकरण, पर्वतीय उत्त्थान समिति के अतिरिक्त कक्ष के लिए धनराशि उपलब्ध कराने और खटीमा के नवनिर्मित बस स्टैंड का नाम महाराणा प्रताप रखने की घोषणा शामिल हैं।

सीएम ने भगवान बिरसा मुण्डा को नमन

मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा को नमन करते हुए सभी को जनजाति गौरव दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक दिन हमारे जनजाति समाज की गौरवशाली परम्परा, संघर्ष, बलिदान और राष्ट्र निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान को स्मरण करने का दिवस है। भगवान बिरसा मुण्डा जनजाति समाज के गौरव, साहस और स्वाभिमान के अमर प्रतीक है। उन्होंने अल्प आयु में स्वतंत्रता, स्वाधिकार, आत्मसम्मान की ऐसी चेतना समाज में जागृत की जिसने पूरे जनजाति समाज को एकजुट कर नई दिशा प्रदान की।

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सीएम धामी ने ऐतिहासिक निर्णय लिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने लगभग 200 करोड़ की लागत से देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय बनवाए हैं, जिससे देश भर में आदिवासी संस्कृति और योगदान को सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज संथाल आदिवासी जनजाति की बेटी द्रोपदी मुर्मू जी हमारे देश की प्रथम नागरिक है। प्रधानमंत्री ने आदिवासी जनजाति समाज के विकास हेतु दिए जाने वाले बजट को भी तीन गुना बढ़ाकर आदिवासी समाज को सशक्त बनाने का काम किया है। जनजाति समाज को एकलव्य मॉडल स्कूल, प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान, वन-धन योजना, प्रधानमंत्री जनजाति विकास मिशन, विभिन्न पशुपालन व कृषि संबंधित योजनाओं के माध्यम से समाज व विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

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हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार भी आदिवासी जनजाति समुदाय के कल्याण और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने हेतु निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 128 जनजाति गांवों का चयन किया गया है। चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में चार आवासीय एकलव्य विद्यालय, कालसी, मेहरवाना, बाजपुर और खटीमा में संचालित हो रहे है। यहां जनजाति समुदाय के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। देहरादून के चकराता और ऊधमसिंह नगर के बाजपुर में नये आवासीय विद्यालयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। जनजाति समाज के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्हें प्राइमरी स्तर से लेकर स्नात्तकोत्तर स्तर तक की छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।

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16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षिक उत्थान एवं विकास के लिए वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही जनजाति समाज के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में तीन आईटीआई कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग और स्कॉलरशिप दी जा रही है। जनजाति समाज की बेटियों के विवाह के लिए 50 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। जनजाति शोध संस्थान के लिए 01 करोड़ का कार्पस फंड भी बनाया गया है। जनजाति संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष राज्य में जनजाति महोत्सव और खेल महोत्सव आयोजित किए जा रहे है।