अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल परिसर में स्थित टीबी अस्पताल में बड़ा हादसा टल गया। शुक्रवार दोपहर छत का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। हालांकि, जिस वक्त हादसा हुआ, उस दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। जिसकी वजह से कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन इस घटना के बाद अस्पताल की जर्जर हालत चर्चा में आ गई।   

बताया जा  रहा है कि भवन की छत सिर्फ लकड़ी के सहारे बनी हुई थी। जबकि यहां लोहे के गाटर होने चाहिए हे जिससे मजबूती बनी रहे। जानकारी के मुताबिक भवन लगभग 62 वर्ष पुराना है और लगातार उपयोग में रहने के बावजूद इसकी स्थिति पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। बिना मरम्मत और रखरखाव के यह पुराना ढांचा बेहद जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है।

छत का गिरा हिस्सा देखकर अस्पताल स्टाफ और मरीजों में अफरा-तफरी फैल गई। कर्मियों ने तत्काल अन्य कक्षों को खाली कराया और घटना की सूचना प्रशासन को दी। अस्पताल परिसर में मौजूद लोग इस बात से चिंतित हैं कि अगर घटना के समय मरीज या कर्मचारी अंदर होते तो गंभीर जनहानि हो सकती थी।

स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि टीबी अस्पताल को सालों से अनदेखा किया जा रहा है। कई बार शिकायतों के बावजूद भवन की मरम्मत, मेंटेनेंस और संरचनात्मक परीक्षण नहीं कराया गया। अब छत गिरने की घटना ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को खुलकर उजागर कर दिया है।

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