पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद आरजेडी के भीतर सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक परिवार और राजनीति से दूरी बनाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया। रोहिणी ने अपने पोस्ट में दो नामों का जिक्र किया-रमीज और संजय यादव। फिर सवाल उठा कि आखिर संजय यादव कौन हैं जिन पर रोहिणी ने इतने गंभीर आरोप लगाए?

रोहिणी आचार्य का सनसनीखेज बयान

रोहिणी आचार्य का राजनीति से दूर और परिवार से रिश्ता तोड़ने के ऐलान के बाद अब एक और बयान सामने आया है। इस मामले में उन्होंने एक सनसनीखेज बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि संजय-रमीज का नाम लें तो आपको गालियां दी जाएंगी और आपको चप्पल उठाकर मारा जाएगा।

तेजस्वी के सबसे भरोसेमंद रणनीतिकार

संजय यादव वर्तमान में राज्यसभा सांसद और आरजेडी के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल हैं। हरियाणा के रहने वाले संजय यादव साल 2012 में आरजेडी से जुड़े। उससे पहले वे अखिलेश यादव के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं। आरजेडी में आने के बाद से वे तेजस्वी यादव के बेहद करीबी और निर्णय प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं में गिने जाते हैं।

क्यों हैं विवादों के केंद्र में?

चुनाव हार के बाद आरजेडी की रणनीति पर सवाल उठने शुरू हुए और इसकी सीधी मार संजय यादव पर पड़ी। पार्टी के भीतर माना जाता है कि सीट बंटवारे से लेकर उम्मीदवार चयन तक कई प्रमुख फैसले उन्हीं की सलाह पर किए गए थे। तेज प्रताप यादव तो उन्हें खुलकर जयचंद तक कह चुके हैं। तेज प्रताप का आरोप है कि संजय की सलाह पर ही उन्हें पार्टी से बाहर करने का दबाव बनाया गया था।

क्या संजय ही फूट की वजह?

रोहिणी आचार्य के हालिया पोस्ट के बाद एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या संजय यादव की भूमिका परिवार और पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों की वजह बनी? हालांकि इस पूरे विवाद पर आरजेडी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।