कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी किसान और उसके परिवार के सदस्यों ने ऊर्जा मंत्री के बंगले के बाहर जमीन पर बैठ कर विरोध जाहिर किया। बिजली विभाग की समाधान योजना का पात्र होने के बावजूद लाभ न मिलने के साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों पर अन्य गंभीर आरोप भी उन्होंने लगाए। इस दौरान न्याय न मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी भी दी।

दरअसल भारतीय किसान संघ, मध्यभारत प्रान्त के तहसील अध्यक्ष शिवराम रघुवंशी का आरोप है कि वह अशोक नगर जिले के शाडोरा तहसील स्थित गांव हाजीपुर के रहने वाले छोटे से किसान हैं। उनके नाम से तीन बिजली कनेक्शन है जिसका का कुल बकाया 37 हजार 680 रुपए था। उन्हें मुख्यमंत्री की समाधान योजना का लाभ मिलना था। उन्होंने योजना का लाभ तो नहीं मिला, बल्कि 41 हजार 700 रुपए जमा करवा लिए गए। 

किसान संघ के पदाधिकारी शिवराम रघुवंशी का आरोप है कि क्षेत्रीय JE अदिति और लाइनमैन प्रतीम ने जानबूझकर भ्रष्टाचार की भावना से यह काम किया। जब एक किसान नेता के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है तो अन्य किसानों की क्या स्थिति होती होगी। शिवराम रघुवंशी का यह भी आरोप है कि गांव में खेत के लिए 1 लाख की रकम खर्च कर 25 केवीए का ट्रांसफार्मर खरीदा। लेकिन उसकी अपनी ही जमीन पर लगाने की अनुमति में भी टालमटोल लगातार की जा रही है। जिसके चलते स्थाई पंप कनेक्शन नहीं हो पा रहा है। 

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी और उसके परिवार के सदस्यों ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से मांग की है कि दोनों अधिकारियों को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाए। साथ ही उनके भ्रष्टाचार की भी जांच कराई जाए। शिवराम रघुवंशी ने चेतावनी दी है कि समाधान योजना का लाभ नही मिला औऱ विभाग के आरोपी अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह आत्महत्या करने मजबूर होंगे। हालांकि ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र से बाहर होने के चलते सुरक्षा गार्ड ने उन्हें ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में अपनी पूरी समस्या को बताने की सलाह दी है ताकि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिल सके। 

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