शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश के आगर मालवा में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के उस बयान से जिसमें उन्होंने ‘राजा राममोहन राय अंग्रेजों के दलाल थे’ पर बवाल मच गया है। उनके बयान पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें पद से हटाने की मांग की है।

अंग्रेजों ने फर्जी समाज सुधारक बनाकर पेश किया

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा- अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए लोगों की आस्था बदलने का कुचक्र चला रहा था, इसी साजिश का हिस्सा राजा राममोहन राय भी थे। उस दौर में अंग्रेजों के संचालित मिशनरी स्कूल ही शिक्षा का साधन थे जहां धर्मांतरण की कोशिशें होती थीं। अंग्रेजों ने फर्जी समाज सुधारक बनाकर पेश किया।

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धर्मांतरण कराने वालों को बताया महान

अंग्रेजों के समर्थन से चल रहे धर्मांतरण के चक्र को रोकने का साहस केवल बिरसा मुंडा ने किया। बिरसा मुंडा भी पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन मिशनरी गतिविधियां समझकर उन्होंने स्कूल छोड़ दिया, अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आंदोलन में कूद पड़े। पूर्ववर्ती सरकारों ने असली आदिवासी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दबाया। जिन लोगों ने धर्मांतरण की राह आसान की, उन्हें महान बताया गया और असली वीरों को पीछे रखा गया।

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पूरा देश उन्हें नायक के रूप में पूजता है

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बयान पर पलटवार किया है। हम मंत्री इंदर सिंह परमार के इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं। राजा राम मोहन राय सिर्फ समाज सुधारक नहीं बल्कि एक पत्रकार एक लेखक भी थे। उन्होंने सती प्रथा बंद की, विधवा पुनर्विवाह पर अपनी लेखनी के माध्यम से जोर दिया। पूरा देश उन्हें नायक के रूप में पूजता है। हम कड़ी निंदा के साथ सीएम डॉ मोहन यादव से उनके कैबिनेट मंत्री को हटाने की मांग करते हैं। सीएम मंत्री को हटा के एक नजीर पेश करें कि देश के नायकों के ऊपर ऐसी टिप्पणी करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।

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