दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद मॉड्यूल पर बड़ी खबर सामने आई है. इस केस से जुड़े डॉ. परवेज को लेकर जानकारी सामने आई है. मीडिया रिपोट्स की मानें तो परवेज तीन साल तक मालदीव में रहा. जांच एजेंसियों को संदेह है कि परवेज कट्टरपंथियों के संपर्क में रहा है. मालदीव कनेक्शन का पता चलने के बाद एटीएस अब परवेज के मालदीव दौरे और करीबियों का पता लगा रही है. परवेज के विदेश दौरे के कारण का भी पता लगाया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि दुबई के मनोचिकित्सक की भी भूमिका भी इस मामले में सामने आ रही है. मनोचिकित्सक डॉ. मुजफ्फर राथर मॉड्यूल को संचालित कर रहा है. मुजफ्फर सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. आदिल का भाई है. माना जा रहा है कि मुजफ्पर यूपी में सक्रिय स्लीपर सेल का मुखिया है. सूत्रों के मुताबिक डॉ. मुजफ्फर के कहने पर डॉक्टरों का गिरोह सक्रिय हुआ था. मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.

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बता दें कि परवेज राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित इंटीग्रल विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रवक्ता था. जो एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों की क्लास लिया करता था. हालांकि, दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. एटीएस इस पूरे मामले में गहन जांच कर रही है. जबकि, डॉक्टर परवेज से जुड़ी हर फाइल तथ्य और उसकी पुरानी सीसीटीवी फुटेज निकलवाकर परवेज के बारे में जानकारी जुटा रही है.