बिहार चुनाव का रिजल्ट सामने आने के बाद एक बार फिर कर्नाटक कांग्रेस में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार दोनों दिल्ली में थे, लेकिन दोनों नेताओं ने आलाकमान से अलग-अलग मुलाकातें की और अलग-अलग बयान भी दिए, जिससे राजनीतिक पारा बढ़ गया हैं. कैबिनेट फेरबदल, पावर शेयरिंग और 2028 तक CM पद को लेकर चल रही बयानबाजी ने कांग्रेस हाईकमान को भी एक्टिव कर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं होगा और सरकार या नेतृत्व में किसी भी तरह का रिस्ट्रक्चर मकर संक्रांति के बाद ही होने की संभावना है.

सिद्धारमैया बार-बार दौड़ रहे दिल्ली

शनिवार देर रात बेंगलुरु लौटने वाले सीएम सिद्धारमैया फिर सोमवार को दिल्ली जाएंगे. उनका प्रधानमंत्री मोदी से अपॉइंटमेंट तय है. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब वे 8 दिसंबर से पहले कैबिनेट विस्तार पर जोर दे रहे हैं.

राहुल से मुलाकात में क्या निकला?

15 नवंबर को दिल्ली में उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की, जहां जातीय जनगणना और गारंटी योजनाओं पर बात हुई. राहुल ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से और बातचीत करने की सलाह दी. लेकिन बाहर आकर सिद्धारमैया ने कहा- हमने सिर्फ बिहार चुनाव पर बात की. कैबिनेट फेरबदल पर कोई चर्चा नहीं हुई. राजनीतिक जानकार यह कहते हैं कि जब मुद्दा गर्म है, तब उसका (कैबिनेट फेरबदल) नाम तक न लेना… चर्चा और भी तेज कर रहा है.

DK शिवकुमार ने दिल्ली में खूंटा गाड़ा

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को दिल्ली से हैदराबाद जाना था, लेकिन उन्होंने दौरा रद्द कर दिया. अब वे राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांग चुके हैं और सोमवार शाम को बेंगलुरु लौटेंगे. उनके भाई डीके सुरेश भी रविवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं. दिल्ली में डीके शिवकुमार ने साफ कहा- मुझे कैबिनेट विस्तार या नेतृत्व बदलाव पर कुछ नहीं पता. अगर कुछ पूछना है तो मुख्यमंत्री से पूछिए. उन्होंने यह भी कहा- सीएम का PM या गृह मंत्री से मिलना सामान्य है. इसमें गलत क्या है? हाईकमान पर बोले- मैं खुद से कुछ नहीं कहने वाला. वे पूछेंगे तो अपनी बात बताऊंगा.

कैबिनेट विस्तार पर टकराव का एंगल

सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया दिसंबर सत्र से पहले कैबिनेट में बदलाव चाहते हैं, लेकिन डीके शिवकुमार इससे पूरी तरह सहज नहीं हैं. कुछ विधायकों का दावा है कि दोनों के बीच कुछ नामों को लेकर असहमति है.

पावर–शेयरिंग ही असली मुद्दा है?

कर्नाटक कांग्रेस में लंबे समय से माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच किसी तरह का अंदरूनी समझौता हुआ था. हालांकि दोनों इससे इनकार करते रहे हैं. दिल्ली में अलग-अलग मीटिंगें इन अटकलों को और हवा दे रही हैं.

सीधी टक्कर से बच रहे शिवकुमार

मंत्री ज़मीर अहमद खान ने हाल ही में कहा था कि 2028 में डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इस पर शिवकुमार ने चुप्पी तोड़ी और कहा, मुख्यमंत्री हैं, रहने दीजिए. हम सब साथ हैं. डीके का शांत रुख यह दिखाता है कि वे खुलकर टकराव की छवि नहीं बनाना चाहते, लेकिन हलचल दबती भी नहीं दिख रही.

हाईकमान का बढ़ रहा है दखल

CM–DCM की लगातार दिल्ली यात्राएं, कैबिनेट फेरबदल को लेकर मतभेद और दिसंबर सत्र से पहले तकरार… ये सब संकेत देते हैं कि हाईकमान अब सीधे तौर पर स्थिति को मैनेज करने में जुट गया है. कर्नाटक की राजनीति जिस रफ्तार से पलट रही है, आने वाले दिनों में यहां और भी राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती है.

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