विक्रम मिश्र, लखनऊ. हमीरपुर के मौदहा थाना क्षेत्र में बीते दिनों जिस महिला की लाश मिली थी, उसकी हत्या किसी आम आदमी ने नहीं, बल्कि शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाने वाले कबरई थाने में तैनात उपनिरीक्षक अंकित कुमार यादव ने की थी. अपनी महिला मित्र की जान लेने का ऐसा ताना-बाना बुना, जिसका राजफाश पूरे पुलिस महकमे को शर्मिंदा कर गया.
बीते 13 नवंबर 2025 को हमीरपुर जिले के मौदहा थाना क्षेत्र के रमना गांव किशनपुर के पास बसवारी रोड सड़क किनारे हत्या कर फेंकी गई एक महिला की लाश मिली थी. ये घटना पुलिस के लिए मानो एक बड़ी चुनौती थी. मौदहा पुलिस मामले की गहनता से छानबीन की तो शव की पहचान महोबा जिले के मकरबई गांव निवासी 30 वर्षीय किरन के रूप में हुई. शव की पहचान होते ही पुलिस सक्रिय हुई और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालना शुरू किया तो एक स्विफ्ट डिजायर संदिग्ध हालात में जाती दिखाई दी.
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क्लू हाथ लगते ही पुलिस कार मालिक देवेन्द्र नाम के शख्स के पास पहुंची और पूछताछ शुरू की. पुलिस की पूछताछ में देवेन्द्र ने कहा कि कार उपनिरीक्षक अंकित कुमार यादव एक निमंत्रण में जाने के लिए ले गया था. पुलिस और गहनता से जांच पड़ताल की जो पता चला कि अंकित कुमार जो कबरई थाने बतौर उपनिरीक्षक के पद पर तैनात है. इंस्पेक्टर मौदहा के मुताबिक मृतिका किरन पहले से शादीशुदा थी. लेकिन अंकित कुमार यादव और किरन के बीच कुछ दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था.
दागी दरोगा का चेहरा हुआ बेनकाब
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार हत्यारोपी दरोगा अंकित ने पूछताछ में बताया कि वह किरन से पीछा छुड़ाना चाहता था, लेकिन वह तैयार नहीं थी. जिसके चलते वह उसे बहाने से बुलाया और हत्या कर भाग निकला. हमीरपुर जिले की पुलिस ने महिला हत्याकांड के मामले में पुलिस की गहन जांच पड़ताल ने बेनकाब कर दिया. इस घटना को अंजाम किसी आम आदमी ने नहीं बल्कि कबरई थाने में तैनात उपनिरीक्षक अंकित कुमार यादव ने दिया था.
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