क्या चुनाव जीतने के बाद भी विधायकी कैंसिल कर सकता है चुनाव आयोग, क्या है नियम?

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को बड़ी जीत मिली है.

आइए जानते हैं कि क्या चुनाव जीतने के बाद भी चुनाव आयोग किसी विधायक की सदस्यता को रद्द कर सकता है या नहीं.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10A के तहत हर उम्मीदवार को अपने चुनाव खर्च का पूरा, सटीक और समय पर विवरण देना होता है.

यदि कोई भी विधायक ऐसा करने में विफल रहता है तो चुनाव आयोग उसे शपथ लेने के बाद भी 3 साल तक के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है.

यदि किसी भी अदालत या फिर चुनाव आयोग को भ्रष्ट आचरण जैसे की रिश्वतखोरी, धमकी, अवैध प्रचार, पेड न्यूज या फिर

सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल का सबूत मिलता है तो निर्वाचित विधायक को अयोग्य घोषित किया जा सकता है.

ऐसे मामले अक्सर एक चुनाव याचिका से शुरू होते हैं और चुनाव आयोग की सिफारिश इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

अगर कोई भी आरोप सिद्ध हो जाता है तो चुनावी अंतर चाहे जो भी रहा हो विधायक की सदस्यता रद्द कर दी जाती है.