Sonbhadra Mining Collapse: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी में कृष्णा माइनिंग खदान में हादसे में जदूरों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 6 मजदूरों के शव निकाले गए हैं। खदान में पत्थर ढहने से कुल 18 लोग दबे थे। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। बचे शवों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है।
इस भीषण हादसे ने न सिर्फ जिले को हिलाकर रख दिया, बल्कि सालों से चले आ रहे खनन माफिया और खनन विभाग की सांठगांठ की परतें भी खोल दी। इस मामले में खनन माफिया मधुसूदन सिंह (Sonbhadra Mining Collapse) का अरेस्ट किया गया है। जबकि दिलीप केशरी की तलाश के लिए पुलिस की टीम जुटी हुई है।
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रात-दिन अवैध खनन चल रहा था
बताया जा रहा है कि कि इस खदान में रात-दिन अवैध खनन का काम चल रहा था। समय रहते कृष्णा माइनिंग खदान बंद नहीं की गई। ये खदान पूर्व खनन अधिकारी शैलेंद्र पटेल सिंडिकेट (Sonbhadra Mining Collapse) की बताई जा रही है। मधुसूदन सिंह और दिलीप केशरी अवैध खनन में शामिल थे। जब भी कोई अड़चन आती तो ये लोग करोड़ों की कमाई में से लाखों रुपये जुर्माना भरकर बचते रहे।
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हादसे का जिम्मेदार कौन
जांच में सामने आया है कि कागज पर भले ही खदान एक व्यक्ति के नाम थी, लेकिन असल में इसे 9 प्रभावशाली लोगों की अवैध हिस्सेदारी में नियमों के विपरीत संचालित किया (Sonbhadra Mining Collapse) जा रहा था। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि यहां खनन कैसे हुआ? DM बद्रीनाथ सिंह, खनन विभाग हादसे के जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। फिलहाल इस मामले में किसी जिम्मेदार अधिकारी पर अब तक एक्शन नहीं हुआ है।
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