वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। सिम्स में उपकरण खरीदी के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। सीजीएमएससी की ओर से बताया गया कि सिम्स के लिए 5 करोड़ के उपकरण खरीदी कि लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। कंपनी के चयन के बाद आवश्यक मशीनों की खरीदी की जाएगी। दूसरे अस्पतालों में भी जरूरत अनुसार उपकरण खरीदे जाएंगे। हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश देते हुए 9 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से कहा गया कि चिकित्सा उपकरण जल्द से जल्द खरीदे जाएं, ताकि मरीजों को लाभ मिले।सभी संबंधित विभाग मिलकर धनराशि जारी करने और उच्च तकनीक वाले चिकित्सा उपकरणों की खरीद में तेजी लाने के लिए काम करें। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सिम्स के डीन, स्वास्थ्य विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड (सीजीएमएससी) के प्रबंध निदेशक द्वारा दायर अलग-अलग हलफनामों की समीक्षा की।

उल्लेखनीय है कि सिम्स में मरीजों की जांच पुराने उपकरणों से हो रही है। पिछली सुनवाई के दौरान सिम्स प्रबंधन ने चिकित्सा सेवाओं को आधुनिक बनाने और जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए शासन को 15 करोड़ रुपए के दो अलग-अलग प्रस्ताव भेजने की जानकारी दी थी। साथ ही बताया था कि शासन से मंजूरी मिल गई है, लेकिन चार माह बाद भी सिम्स में उपकरणों की खरीदी नहीं की गई है। इसके कारण मजबूरी में डाक्टरों को पुरानी मशीनों से ही काम चलाना पड़ रहा है।
कोर्ट ने कहा है कि सिम्स इस क्षेत्र का एकमात्र शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल है, जहां दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए आते हैं। जब सरकार ने बजट दे दिया है तो मशीनें लगाने में देरी क्यों हो रही है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि पुरानी मशीनों से जांच परिणाम प्रभावित हो सकते हैं, जिससे आम मरीजों के इलाज पर असर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि सिम्स के डीन ने पिछली सुनवाई में रोगियों की देखभाल और अन्य कई सुधारों पर जवाब दिया था। स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट को बताया कि 17 दिसंबर, 2024 को 4.99 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी और यह राशि 28 फरवरी 2025 को उपकरण खरीद के लिए सीजीएमएससीएल को हस्तांतरित कर दी गई थी। मुख्यमंत्री जन स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण कोष के अंतर्गत 9.81 करोड़ रुपये की लागत वाले उपकरणों की एक अलग सूची भी राज्य नोडल एजेंसी को अनुमोदन के लिए भेजी गई है।
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