Cash For Query Case: हमेशा विवादों में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) एक बार फिर मुसीबत में फंसती हुई दिख रहीं हैं। कैश फॉर क्वेरी केस में टीएमसी सांसद पर आफत का पहाड़ टूटने को है। कैश फॉर क्वेरी केस में लोकपाल ने CBI को 4 सप्ताह में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है। लोकपाल के इस कदम से कानूनी प्रक्रिया तेज होगी, जिसकी अनुमति दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी दी थी।
बता दें कि कैश फॉर क्वेरी केस मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा फिर से निर्वाचित होकर संसद पहुंची हैं।
मामले में अब लोकपाल ने निर्देश दिया है कि लोकपाल अधिनियम, 2013 की धारा 20(7) और धारा 23(1) के अनुसार, सीबीआई को अगले चार हफ्तों के भीतर आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना होगा। साथ ही, जमा किए गए आरोपपत्र की एक प्रति लोकपाल कार्यालय में भी जमा करनी होगी। हालांकि ऐसा नहीं है कि संबंधित अदालत में आरोपपत्र दाखिल होने के तुरंत बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। निर्देश में, लोकपाल ने कहा, ‘आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही सीबीआई के दूसरे आवेदन पर विचार किया जाएगा।
महुआ मोइत्रा ने लगाए थे ये आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मामले के संवेदनशील दस्तावेज मीडिया को दिखाए थे। इसी आरोप के आधार पर, महुआ ने लोकपाल की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति अनिल खेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश बैद्यनाथ शंकर की खंडपीठ में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन उच्च न्यायालय ने कहा था कि रिश्वत मामले के इस चरण में कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। तृणमूल सांसद की अर्जी खारिज कर दी गई थी।
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