गुरुग्राम के सेक्टर-85 स्थित पिरामिड हाइट्स सोसाइटी में सोमवार को विवादित हालात बने, जब धार्मिक स्थल पर बुलडोजर चलाकर उसे हटाया गया। इस कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने मेन रोड पर जाम लगा दिया। स्थानीय पुलिस ने जाम लगाने वालों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, जिसके बाद लोग पीछे हट गए। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में धार्मिक स्थल को हटाकर जमीन का कब्जा बिल्डर को सौंप दिया गया। पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध निर्माण और जमीन कब्जे के मामले में की गई थी, और अब इलाके में हालात सामान्य हैं।

गुरुग्राम के सेक्टर-85 स्थित पिरामिड हाइट्स सोसाइटी में दुकानों के लिए आरक्षित जमीन के लगभग 150 वर्ग गज में चार महीने पहले कुछ लोगों ने धार्मिक स्थल का निर्माण कर दिया था। इस धार्मिक स्थल को हटाने के प्रयास के दौरान बिल्डर और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए। विवाद के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। मामले में एसीपी, मानेसर ने दोनों पक्षों को तलब किया और जमीन से जुड़े संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के आदेश दिए। बाद में पुलिस और बिल्डर की मौजूदगी में धार्मिक स्थल को हटाकर जमीन का कब्जा बिल्डर को सौंप दिया गया।

स्थानीय लोगों से धार्मिक स्थल के निर्माण की मंजूरी दिखाने को कहा गया, लेकिन उनके पास कोई वैध दस्तावेज़ नहीं था। इस बीच, इस अवैध निर्माण के खिलाफ नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीपीई) में शिकायत दर्ज कराई गई। डीटीपीई ने बिल्डर को नोटिस जारी किया और जवाब तलब किया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर रिस्टोरेशन आदेश पारित किया गया। सोमवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में डीटीपीई का तोड़फोड़ दस्ता सोसाइटी में पहुंचा। सूचना मिलने पर लगभग 25 से 30 लोग, जिनमें अधिकांश महिलाएं शामिल थीं, विरोध में सड़क पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया।

लोग सड़क पर उतर आए

स्थानीय लोगों ने डीटीपीई टीम को बताया कि कॉलोनी में लगभग 1,000 परिवार रहते हैं और आसपास कोई धार्मिक स्थल नहीं है। उन्होंने कहा कि पूजा-अर्चना में दिक्कत होती है, इसलिए इसे न तोड़ा जाए। कुछ लोग विरोध में सड़क पर जाम लगाने तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया। हंगामा कर रहे लोग कार्रवाई की चेतावनी पर पीछे हट गए। इसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में धार्मिक स्थल को तोड़ दिया गया और जमीन का कब्जा बिल्डर को सौंपा गया।

नहीं ली गई थी मंजूरी

बिल्डर की रखरखाव एजेंसी के योगेंद्र कुमार ने बताया कि यह धार्मिक स्थल अवैध रूप से बनाया गया था, और इसे हटाने गई टीम का कुछ लोगों ने विरोध किया। डीटीपीई के अमित मधोलिया ने कहा कि सोसाइटी परिसर में बिना मंजूरी किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है। धार्मिक स्थल के निर्माण की शिकायत मिलने के बाद इसे हटाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह का निर्माण करने से पहले आवश्यक अनुमति लेना अनिवार्य है।

पुलिस और पब्लिक में तनातनी

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बिल्डर की ओर से कुछ प्रतिनिधि भी कार्रवाई के दौरान पहुंचे और उन्होंने सोसाइटी निवासियों के साथ मारपीट करने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस के बीच में आने से स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल नहीं हुई। पूरी सोसाइटी में तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसके चलते पुलिस ने क्षेत्र में भारी सुरक्षा बल तैनात किया है।

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