कौन था 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर हिड़मा? 16 की उम्र में नक्सली संगठन से जुड़ा

खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के मारे जाने की खबर ने उसके खून से भरे अपराधों की लिस्ट फिर सुर्खियों में ला दी है.

1 करोड़ के इनामी हिड़मा ने झीरम और बीजापुर जैसे बड़े हमलों को अंजाम दिया था. जानिए उसका पूरा इतिहास.

हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा (South Sukma)के पुवार्ती गांव में हुआ था. वो बीजापुर (Bijapur) में एक स्थानीय जनजाति से संबंध रखता था

कहा जाता कि माडवी हिड़मा साल 1996 से नक्सलियों से जुड़ा और तबसे कई निर्दोष लोगों की जान ले चुका है

हिडमा को नक्सल संगठन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में उसके गांव पूर्वती से चुन लिया था.

दुबला-पतला होने के बावजूद वह बेहद फुर्तीला और तेज दिमाग वाला था. वह चीजें झट से सीख लेता था.

नक्सलियों का अपना एक एजुकेशन सिस्टम और कल्चरल कमेटी भी होती है यहीं हिड़मा ने पढ़ना-लिखना, और गाना-बजाना तक सीखा.

ट्रेनिंग पूरी होते ही उसकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में कर दी गई. 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या के बाद संगठन में उसकी हैसियत और बढ़ गई.

इसके बाद झीरम घाटी हमले की प्लानिंग भी उसी ने तैयार की थी. 2017 में सुकमा के बुर्कापाल में CRPF पर हुए हमले के पीछे भी हिड़मा का ही दिमाग बताया जाता है.