अयोध्या. श्रीराम की जन्‍मभूम‍ि अयोध्या में 25 नवंबर को ध्‍वजारोहण का भव्‍य आयोजन होने जा रहा है. मंदिर पर इस धम्रध्‍वज का लहराना, राम मंदिर के ऐतिहासिक और दिव्य निर्माण के सफल समापन की घोषणा करेगा. इसी बीच राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने राम मंदिर के अलावा अन्य 7 मठ मंदिरों में लगाए जाने वाले ध्वजों पर कहा कि ध्वजों की लंबाई और त्रिकोण उसी प्रकार रहेगा लेकिन उस पर जो चिन्ह है उसमें ‘ऊँ’ शब्द का उपयोग होगा. इसकी प्रिंटिंग हो गई है. लंबाई और ऊंचाई तो आश्वस्त रूप से नहीं बता पाऊंगा लेकिन तुलना की दृष्टि से छोटा और वज़न भी कम है.

एक पताका शेषावतार मंदिर में लगाया जा रहा है

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि आपने अभी 7 पताकाओं का उल्लेख किया है. एक पताका शेषावतार मंदिर में लगाया जा रहा है और छह पताकाएं परकोटा के पंचायतन के छह मंदिरों में लगाए जाएंगे. ये सभी 6 एक विशेष व्यवस्था के अंतर्गत हैं, इस तरह कुल सात पताकाएं लगाए जाएंगे. इसी प्रकार का कार्यक्रम बनाया गया है.

पीएम मोदी और मोहन भागवत होंगे शामिल

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि खास महमान तो प्रधानमंत्री हैं और उनके साथ मुख्यमंत्री, सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल और अन्य उतने ही खास विशिष्ट 7 हज़ार व्यक्ति हैं. मैं किसी की तुलना नहीं कर रहा हूं. जिन्हें आमंत्रित किया गया है, उनसे संपर्क कर लिया गया है. उनके रहने, खाने और मंदिर दर्शन की संपूर्ण व्यवस्था की जा रही है. यह सारी तैयारियां न्यास के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय की देखरेख में बहुत ही सक्रिय रूप से पूरी की जा रही हैं.

पूरी व्यवस्था मैकेनिकल रूप से अपनाई गई है

नृपेंद्र मिश्रा ने 25 नवंबर को होने वाले राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम पर कहा कि ध्वजारोहण के लिए दोनों व्यवस्थाएं साथ रखी गई हैं. अगर आप अनुमान लगाएं तो उसकी रस्सी का ही इतना वज़न है कि उसे खींचने के लिए बड़े शक्तिवान व्यक्ति की आवश्यकता पड़ेगी. उसे खींचने के लिए अधिक शक्ति चाहिए. इसी वजह से रस्सी को मशीन से जोड़ा गया है. इलेक्ट्रिक बटन का विकल्प रखा गया है, लेकिन किसी भी प्रकार की असफलता न हो, इसे ध्यान में रखते हुए रस्सी को दोनों तरफ से बैलेंस कर मशीनें लगाई गई हैं. पूरी व्यवस्था मैकेनिकल रूप से अपनाई गई है.

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