सत्या राजपूत, रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. प्रदेश में 25 साल से बिना मान्यता के संचालित प्ले स्कूलों के लिए नया एक्ट लागू होने जा रहा है. लल्लूराम डॉट कॉम ने लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल लगाई थी. हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को 11 अलग-अलग बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग से आदेश जारी हुआ है. (छत्तीसगढ़ में प्ले स्कूलों के लिए एक्ट बनेगा)


प्ले स्कूल एक्ट में क्या-क्या होगा शामिल ?
- कोई भी गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय पूर्व-प्राथमिक विद्यालय (चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो) संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को पंजीयन के लिए आवेदन तीन माह के भीतर प्रस्तुत करेगा.
- पूर्व-प्राथमिक विद्यालय अनुसूची-एक में निर्धारित मान एवं मानकों को पूर्ण करने की दिशा में कार्य करेगा.
- बिन्दु (1) के अनुसार पंजीयन के लिए आवेदन करने वाले निजी संस्थान/संस्था को अपने नाम में “प्ले स्कूल” शब्द शामिल करना अनिवार्य होगा.
- शिक्षकों की शैक्षणिक एवं व्यावसायिक योग्यता राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों के लिए जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप हो.
- कोई भी बालक/बालिका जो 03 वर्ष से कम हो उसका दाखिला पूर्व प्राथमिक विद्यालय में नहीं किया जावेगा.
- किसी भी बालक/बालिका को शारीरिक दण्ड नहीं दिया जायेगा तथा उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जायेगा.
- पूर्व-प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के प्रयोजनों के लिए आयु निर्धारण के लिए शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियमों के अनुरूप दस्तावेज मान्य किये जायेंगे .
- नर्सरी, के.जी.-1 एवं के.जी.-2 में प्रवेश की आयु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार होगी.
- गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय पूर्व-प्राथमिक विद्यालय पालक शिक्षक समिति (पी.टी.एम.) का गठन करेगा. उपरोक्त समिति का गठन पूर्व-प्राथमिक विद्यालय प्रारंभ होने के 01 माह के भीतर किया जाना सुनिश्चित करेंगे. पालक शिक्षक समिति का कार्यकाल 01 वर्ष का होगा.
पालक शिक्षक समिति में 75 प्रतिशत पालक एवं 25 प्रतिशत शिक्षक होंगे. अध्यक्ष का मनोनयन पालकों के मध्य से किया जायेगा. पालकों में 75 प्रतिशत महिलायें होगी तथा प्रत्येक कक्षा से पालक सदस्य लिये जायेंगे.
पालक शिक्षक समिति बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ वातावरण एवं खेल-खेल में शिक्षा दिया जाना सुनिश्चित करेंगे.
समिति की त्रैमासिक मीटिंग होगी तथा मीटिंग में चर्चा के बिन्दुओं का रजिस्टर में संधारण
- पूर्व-प्राथमिक विद्यालय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन
- सभी जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जिले में संचालित पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों का पंजीयन आदेश जारी होने के दिनांक से तीन माह के भीतर हो जाए.


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