कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भगवान श्री राम के वनवासी स्वरूप वाली 51 फ़ीट ऊंची भव्य प्रतिमा 05 महीने से तैयार रखी है। इसे छत्तीसगढ़ में बनाए जा रहे श्री रामपथ गमन के लिए चन्द्रखुरी स्थित कौशल्या मंदिर में स्थापित किया जाना था। लेकिन मूर्ति का आर्डर देने वाले ठेकेदार द्वारा भुगतान न करने की लापरवाही से अब यह मूर्ति चन्द्रखुरी की जगह मध्यप्रदेश के मुरैना जिले स्तिथ एति पर्वत शनि धाम पर स्थापित की जाएगी। राष्ट्रपति सम्मानित ग्वालियर के मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा ने इसे कड़ी मेहनत से तैयार किया है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से श्री रामपथ गमन तैयार कराया जा रहा है। जहां भगवान श्री राम के वनवासी स्वरूप को मूर्ति में स्थापित किया जाना है। ऐसे में सरकार के निर्देश पर ठेकेदार ने ग्वालियर के प्रसिद्ध मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा को भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची मूर्ति निर्माण करने का ऑर्डर दिया था।। जिसके बाद ग्वालियर सेंड स्टोन आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर पर मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हुआ जो अब पूरा हो गया।
श्री रामपथ गमन के लिए चन्द्रखुरी स्थित कौशल्या मंदिर में भगवान श्री राम की वनवासी स्वरुप वाली 51 फीट ऊंची यह प्रतिमा स्थापित की जानी थी। लेकिन 05 महीने से यह प्रतिमा ठेकेदार के भुगतान न करने से यही रखी रही। ऐसे में मूर्ति के रखरखाव और मूर्तिकार की टीम के मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा से भुगतान की लगातार मांग के दबाव के बाद इस प्रतिमा को मुरैना जिले के शनिधाम मंदिर में स्थापित करना तय किया। जिसके कारण अब छत्तीसगढ़ सरकार के रामपथ गमन प्रोजेक्ट में और ज्यादा देरी होगी।
मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ के ठेकेदार ने 10 लाख का एडवांस दिया था। जबकि 70 लाख बचा हुआ पेमेंट नही दिया है। लिहाजा अगर वह बचा हुआ भुगतान करेंगे तो नए सिरे से मूर्ति तैयार की जाएगी।
आपको बता दें कि इस प्रतिमा को चंदखुरी में वर्तमान में स्थापित भगवान श्री राम की प्रतिमा की जगह पर ही स्थापित किया जाना था। वर्तमान में वहां स्थापित भगवान श्री राम की प्रतिमा का स्ट्रक्चर पूरी तरह से गलत है। उसके निर्माण कार्य में बहुत सारी खामियां सामने आ चुकी है। प्रतिमा के चेहरे से लेकर शरीर के आकार पर गौर किया जाए तो उसमें भगवान श्री राम के स्वरूप की छवि ही नहीं आती है।
छत्तीसगढ़ सरकार पहले भी दो मूर्तियों के ऑर्डर ग्वालियर को दे चुकी है। जो श्री राम पथ गमन के लिए शिवरीनारायण और सीता रसोई में स्थापित की जा चुकी है। उन मूर्ति के स्वरूप को देखकर ही ग्वालियर को 51 फीट ऊंची प्रतिमा का आर्डर मिला था। प्रतिमा को ग्वालियर के सेंड स्टोन से तैयार किया गया है, जो अपने आप में देश के अंदर मजबूत पत्थर के रूप में ख्याति प्राप्त है और इसकी तराशी गई प्रतिमा बहुत मजबूत और सुंदर होती है।
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