20 नवंबर को अगहन मास में एक दुर्लभ और अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है. एक ओर गुरुवार का दिन है, जो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. दूसरी ओर, इसी दिन मार्गशीर्ष अमावस्या भी पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार, जब अमावस्या और गुरुवार एक साथ आते हैं, तो पूजा-पाठ और दान से मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है. यही कारण है कि यह दिन आध्यात्मिक साधना, धन वृद्धि और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए विशेष माना जा रहा है.

अगहन मास वैसे भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है. इस पूरे महीने में मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के अगहन के गुरुवार का व्रत रखा जाता है. ऐसे में जब यह तिथि अमावस्या के साथ पड़े, तो साधना का प्रभाव और भी बढ़ जाता है. अमावस्या पितरों की तृप्ति, मन की शुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का दिन है. इस दिन किए गए उपायों से घर में स्थिर लक्ष्मी का आगमन माना जाता है.

पंडितों के अनुसार, 20 नवंबर को मां लक्ष्मी की विशेष पूजा, श्रीसूक्त पाठ, पीपल और तुलसी की आराधना और घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ रहेगा. अमावस्या की शाम तिल या घी का दीपक लगाना नकारात्मकता को दूर करता है और घर में सौभाग्य बढ़ाता है. धार्मिक मान्यता है कि अगहन में गुरुवार और अमावस्या का यह संगम धन वृद्धि, व्यवसाय में उन्नति, और परिवार के कल्याण के लिए अत्यंत प्रभावी है. जो लोग मां लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं. उनके लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है.