सत्यपाल सिंह राजपूत,रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम की आज सामान्य सभा की दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. यहां सामान्य सभा में मंगलवार को जमकर हंगामा देखने को मिला. सामान्य सभा में रामकी कम्पनी को भुगतान को लेकर सदन गूंज उठा. हंगामें के बीच नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि भुगतान पर रोक होने के बावजूद कंपनी को कैसे भुगतान हुआ है. यहां बताया जाए कि निगम कमिश्नर ने किस आधार पर भुगतान किया है. अब तक 21 करोड़ का भुगतान हो चुका है.
डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के लिए नगर निगम द्वारा अनुबंधित हैदराबाद की रामकी कंपनी को निगम ने मीटिंग कर भुगतान में रोक लगाई थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने कंपनी को भुगतान किया है.
नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर के सवाल का जवाब देते हुए कुमार मेमन ने भुगतान की बात स्वीकार की है साथ ही बताया कि निगम ने तमाम अधिकारी और जन प्रतिनिधि की उपस्थिति में बैठक हुई थी. जिसमें निर्णय लिया गया था की एमओयू के शर्तों के मुताबिक़ सत प्रतिशत काम नहीं करता तब तक भुगतान रोका जाए साथ ही बताया कि कब-कब कितना का भुगतान हुआ है अब तक 21 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हुआ है.
वहीं सभापति ने कहा कि सवाल ग़ायब था और इससे पक्ष का समर्थन भी मिला और मनमानी करने वाले पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात भी कही गई.
वहीं महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि मामला गंभीर है और हमारी ओर से भुगतान का आदेश नहीं हुआ था अब ये कैसे भुगतान हुआ करने वाला ही बता पाएगा? क्योंकि उस समय कमिशनर सदन में मौजूद नहीं थे इसलिए महापौर ने सभापति से आग्रह करते हुए कहा कि हम आपके निर्णय का हम समर्थन करेंगे और आश्वासन देते हैं कि इस तरह की लापरवाही मनमानी करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा रामकी कम्पनी को दिया था, लेकिन कम्पनी के सही तरीके से काम नहीं करने पर भुगतान पर रोक लगाई गई थी.
वहीँ निगम पार्षद मीनल चौबे ने सामान्य सभा के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सामान्य सभा का औचित्य नहीं रह गया है क्योंकि यहाँ जो समस्या घोटाला भ्रष्टाचार का मामला उठाया जाता है उसका निराकरण होता नहीं है. ये पूरे पाँच सालों के दौरान हमें देखने को मिला है और इसके साथ हम सभी पार्षद उदाहरण है. साथ ही निगम के अधिकारियों और निगम प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम और हमारे जनता लाइट से स्वच्छता जैसे मूलभूत सुविधा के लिए तरसते रहते हैं जिसके लिए फंड नहीं है एस रोया जाता है लेकिन निगम से बहुत बड़े बड़े कार्यक्रम हो जाते हैं इसके लिए फंड कहाँ से आता है. सफ़ाई स्मार्ट सिटी के नाम पर नाम पर सिर्फ़ काम चोरी हो रही है. मीनल चौबे ने कहा की शहर में जहां देखो वहां गंदगी पसर रहता है.